राजनीति
big breking : मोदी चाय में अजय टम्टा, कैबिनेट की कुर्सी पक्की, नए संभावित मंत्रियों के साथ बैठे नजर आए अजय
- केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी तय, शाम को शपथ
- मुख्यमंत्री धामी के भी माने जाते हैं काफ़ी करीबी
उत्तराखंड में अल्मोड़ा सीट से सांसद अजय टम्टा को केंद्र में भी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। आज सुबह मोदी ने चाय पर चर्चा के लिए मोदी कैबिनेट की जिन संभावित लोगों को बुलाया है उनमें अजय टम्टा भी दिखाई दिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने दोपहर बाद मोदी कैबिनेट के तमाम उन लोगों के साथ बातचीत की जिन्हें संभावित कैबिनेट में जगह मिल सकती है। सारे संभावित मंत्रियों को बुलाकर मोदी ने उन्हें विभिन्न पहलुओं पर नए टिप्स दिए। इन लोगों में अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत मोदी मंत्रिमंडल के तमाम संभावित लोग मौजूद थे जिनमें अजय टम्टा भी शामिल थे। बताया जा रहा है कि अजय टम्टा को भी दिल्ली से बुलावा आया है।
ऐसा रहा सियासी सफर
अल्मोड़ा संसदीय सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने वाले अजट टम्टा चौथे नेता बने हैं। इससे पहले यह रिकार्ड कांग्रेस के जंग बहादुर बिष्ट, पूर्व सीएम हरीश रावत और भाजपा के बची सिंह रावत के नाम दर्ज था। लोकसभा चुनाव में अजय की लगातार तीसरी जीत ने उनका कद बढ़ाने का काम किया है और वह एक कुशल राजनीतिज्ञ की श्रेणी में शामिल हो गए हैं।लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए अजय टम्टा ने 23 वर्ष की उम्र में राजनीति की शुरुआत की। अपने अब तक के राजनीतिक जीवन में उन्होंने नौ बार चुनाव लड़ा और छह में जीत दर्ज कर अपने को राजनीति में स्थापित किया। वर्ष 1996 में जिला पंचायत सदस्य के रूप में उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई।
इसी वर्ष वह जिला पंचायत उपाध्यक्ष चुने गए।वर्ष 1999 से 2000 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रहे और तब उन्होंने सबसे कम उम्र का जिपं अध्यक्ष बनने का रिकार्ड बनाया। 2002 में सोमेश्वर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली। 2007 में भाजपा के टिकट पर फिर से विस का चुनाव लड़ा और देहरादून पहुंचे। 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन जीत की दहलीज तक पहुंचने से चूक गए। 2012 में सोमेश्वर सीट से ही विधानसभा तक का सफर तय किया। पार्टी ने वर्ष 2014 में उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा इस पर वह खरे उतरे। 2019 के लोकसभा चुनाव में रिकार्ड मतों से लगातार दूरी जीत दर्ज की। 20024 के चुनाव में भी परिणाम उनके और पार्टी के पक्ष में आए हैं और इस सीट पर वह जीत की हैट्रिक लगाने वाले तीसरे सांसद बने हैं।