उत्तराखण्ड
कुछ बेटियां आगे बढ़ने का दम दिखा रही हैं… अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव और बेटियों के समर्थन में हरदा, बेटी अनुपमा की पीठ थपथपाई
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अब अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में खासा इंट्रेस्ट ले रहे हैं। अभी हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से अपना नाम वापस ले लिया है। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए वर्तमान में उपराष्ट्रपति भारतीय मूल की कमला हैरिस के नाम को आगे कर दिया है। यानी कि संभव है कि आने वाले समय में अमेरिका की कमान किसी महिला बेटी के हाथ हो। अमेरिका में रह रहे सारे डेमोक्रेट्स के साथ ही उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का भी सपना है कि कमला हैरिस अमेरिकी राष्ट्रपति बने। कमला हैरिस को देखकर उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट पर कहीं बातें लिखी हैं जो यह साबित करती हैं कि वह चाहते हैं की बेटियां जन प्रतिनिधित्व के मामले में आगे बढ़ें।
जन प्रतिनिधित्व के मामले में बेटियों ने काफी कमाल किया है। अब इस मुद्दे को लेकर के कमला हैरिस के बहाने हरदा ने अपनी विधायक बेटी की पीठ भी थपथपाई है जो कि उनके लिए अवश्य ही गर्व का विषय भी हो सकता है। हरदा पहले ही का भी चुके हैं कि उत्तराखंड में भी भविष्य में किसी महिला के हाथ यहां के मुख्यमंत्री पद की कमान होनी चाहिए। वह महिला प्रतिनिधित्व की अगर बात करते हैं तो इस पर कोई गुरेज भी नहीं होना चाहिए और यह गर्व का विषय तो है ही। खैर, हरदा की बातों की तह तक पहुंचना हर किसी के वश की बात नहीं और हम भी इस विषय पर अपनी कोई टिप्पणी नहीं रखना चाहते हैं और आपको सीधे पढ़ते हैं कि हरदा ने बेटियों को आगे बढ़ाने के मुद्दे पर क्या कहा…
हरदा उवाच….
देखा बेटी का कमाल! अभी डेमोक्रेटिक पार्टी के डेलीगेट्स ने कमला हैरिस जी के नाम की उम्मीदवारी का अनुमोदन भी नहीं किया है, केवल राष्ट्रपति द्वारा अपनी उम्मीदवारी वापस लेने और उनके नाम को आगे बढ़ाने में ही वह अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप से लेखक के सर्वेक्षण के अनुसार 2 प्रतिशत मतों से आगे निकल गई हैं, उन्होंने 2 प्रतिशत की बढ़त बना ली है। बेटियां जिस क्षेत्र में भी आगे बढ़ रही हैं, कमाल कर रही हैं और मुझे विश्वास है उत्तराखंड में भी वह कमाल करेंगी। मेरी बेटी ने भी ऐसा ही कमाल किया कांग्रेस के लिए जिस विधानसभा सीट से कांग्रेस राज्य निर्माण के बाद हुये किसी भी चुनाव में, यहां तक की उत्तर प्रदेश के दौरान हुए चुनावों में भी नहीं जीती थी वहां से कांग्रेस के लिए अच्छी जीत हासिल की थी। कुछ बेटियां आगे बढ़ने का दम दिखा रही हैं। मुझे उम्मीद है इस बार के विधानसभा चुनाव में दोनों राजनीतिक दलों से दुगनी संख्या में बेटियां उम्मीदवार के रूप में आगे आएंगी।