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जानिए मौसम विभाग द्वारा जारी येलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट का मतलब
प्रतिवर्ष मानसून के समय बारिश के लगातार वृद्धि होने या फिर गर्मी के दिनों में अत्यधिक गर्मी, लू पड़ने पर चेतावनी जारी कर दी जाती है। जो कि चार रंगों के रूप में देखने को मिलती है। रेड अलर्ट, ग्रीन अलर्ट ऑरेंज अलर्ट या येलो अलर्ट। मौसम की अपडेट में आप लोग इन अलर्ट्स का जिक्र कई बार सुनते होंगे। आइये इनका मतलब भी आज समझ लेते हैं।
येलो अलर्ट
मौसम विभाग जब येलो अलर्ट को जारी करता है तो समझ लीजिए यह खतरे की पहली घंटी है। अब आपको सचेत रहने की ज़रूरत है। मौसम पर लगातार नज़र बनाए रखें और साथ ही कुछ सावधानियां बनाए रखें। येलो अलर्ट जारी करने का मतलब लोगों को सतर्क बनाए रखना है। इस अलर्ट में वैसे तो कोई खतरा नहीं है लेकिन मौसम को देखते हुए आपको अपने मूवमेंट एयर जगह को लेकर सावधान रहना चाहिए।
ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ऑरेंज अलर्ट तब जारी करता है जब खतरे की पूरी संभावना रहती है। इसका मतलब यह है कि आपको एकदम तैयार रहना है। जैसे-जैसे मौसम ख़राब खतरनाक होता जाता है तो येलो अलर्ट को हटाकर ऑरेंज अलर्ट को जारी कर दिया जाता है। इस अलर्ट में लोगों को घर से बाहर इधर-उधर जाने के लिए प्रतिबंधित किया जाता है। मध्यम बारिश होने की चेतावनी के लिए भी इस अलर्ट को जारी किया जाता है।
रेड अलर्ट
लाल रंग हमेशा खतरे के प्रतीक के रूप में प्रयोग किया जाता है ठीक उसी प्रकार यहाँ भी इसे खतरे के लिए ही उपयोग में लाया गया है। मौसम विभाग द्वारा रेड अलर्ट तब जारी किया जाता है जब मौसम बेहद खतरनाक हो जाता है और भारी नुकसान होने की संभावना होती है। भारी बारिश या फिर हवा की गति से तेज़ आने वाला चक्रवात आने की संभावना होने पर चेतावनी के लिए भी इस अलर्ट को जारी किया जाता है।
ग्रीन अलर्ट
हरे रंग को हर जगह सुरक्षा के प्रतीक के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसलिए जब मौसम विभाग द्वारा ग्रीन अलर्ट को जारी किया जाता है तो इसका मतलब है कि मौसम साफ़ है। किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है। जब कभी मौसम ख़राब रहता है। मौसम विभाग द्वारा किसी खतरे के अलर्ट को जारी किया जाता है। ठीक उसके बाद मौसम सही होने पर ग्रीन अलर्ट को जारी किया जाता है।