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होटलों में बार लाइसेंस के मानकों में मिलेगी ढील !!!, नई आबकारी नीति में तमाम बदलावों की चर्चा के बीच हो रहा विचार
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प्रदेश में नहीं आबकारी नीति लाने को लेकर सरकार में लगातार उधेड़बुन जारी है। आबकारी नीति में पुराने मानकों को ही अपनाया जाए या फिर कोई नई व्यवस्था लागू की जाए इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। यही वजह रही कि धामी कैबिनेट की बैठक में नहीं आबकारी नीति के प्रस्ताव पर चर्चा तो हुई मगर किसी नतीजे तक नहीं पहुंचा जा सका। अब आपकारी नीति में जरूरी संशोधन के साथ इसे कैबिनेट की अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाना है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आबकारी नीति में इस बार होटल में बाहर लाइसेंस दिए जाने के मानकों में ढील दी जा सकती है जिस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
बता दें कि प्रदेश में राजस्व का एक बड़ा स्रोत आबकारी विभाग है जहां से सरकार को अरबो रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। सरकार की कोशिश यह है कि उसके खजाने में आबकारी विभाग से राजस्व आय और इसलिए ही नहीं आबकारी नीति को लेकर इन दिनों लगातार चर्चा बनी हुई है। शराब की दुकानें आवंटित करने को लेकर पहले लाटरी पद्धति अपनाई गई थी मगर उसके बाद नीति में बदलाव किया गया। अब सरकार फिर से आबकारी एक्ट में संशोधन कर नहीं व्यवस्था लाने पर विचार कर रही है जिसमें संभावित या पुरानी लाटरी पद्धति को ही अपनाया जाए ताकि सरकार को राजस्व प्राप्त हो सके। हालांकि इस बारे में अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
कैबिनेट की लगातार दूसरी बैठक में नई आबकारी नीति का प्रस्ताव चर्चा के लिए लाया गया, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई। कैबिनेट ने प्रस्ताव लौटाकर मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु को उसमें जरूरी संशोधन के साथ आगामी बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव डॉ. संधु ने बताया कि कैबिनेट की आगामी बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। बता दें कि आबकारी विभाग ने नीति का प्रस्ताव तैयार कर इसे मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में चर्चा के लिए लाया गया था। उसमें नीति में कुछ जरूरी संशोधन करके इसे दोबारा प्रस्तुत करने को कहा गया था।
इस बीच आबकारी विभाग ने नीति में जरूरी संशोधन किए। मुख्य सचिव के स्तर पर दो बार समीक्षा हुई। इसके बाद इसे कैबिनेट में लाया गया। सूत्रों के मुताबिक, नीति को लेकर पुरानी व्यवस्था को बनाए रखने या नई सिरे से निविदाएं या लॉटरी प्रक्रिया करने को लेकर उधेड़बुन चल रही है।
इसके अलावा होटलों में बार लाइसेंस के मानकों में ढील दिए जाने पर भी विचार हो रहा है। इन पर मंत्रिमंडल में सहमति नहीं है और इस पर गहराई से मंथन करने के बाद दोबारा प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा गया है।
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