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प्राधिकरण और नगर निगम में कुमाऊं कमिश्नर का निरीक्षण तो मची खलबली, अधिकारियों का जवाब तलब तो कहीं मांगा स्पष्टीकरण
हल्द्वानी। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने आज सुबह हल्द्वानी नगर के कई दफ्तरों का औचक निरीक्षण किया। नगर निगम कार्यालय में सफाई फील्ड कार्मिकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति ना होने पर कडी नाराजगी व्यक्त कर एक सप्ताह के भीतर बायोमैट्रिक उपस्थिति पर कार्यवाही नही होने पर सम्बन्धित अधिकारी का स्पष्टीकरण मांगा जायेगा।
हल्द्वानी प्राधिकरण ऑफिस में छापा मारा। यहां जूनियर इंजीनियर से तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा। नगर निगम दफ्तर के बाहर गंदगी पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। कहा की नगर निगम दफ्तर के बाहर गंदगी के अंबार से शहर की सफाई का अंदाजा लगाया जा सकता है। कुमाऊं आयुक्त ने सार्वजनिक सम्पत्ति पर लगे निजी होर्डिंग/बैनर को हटाने के निर्देश दिए।
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत सुबह करीब 10:40 बजे औचक निरीक्षण के लिए प्राधिकरण कार्यालय पहुंच गए। पहुंचने पर पता चला कि प्राधिकरण कार्यालय के तीन कार्मिक सुबह 11 बजे तक दफ्तर नहीं पहुंचे है जिनका स्पष्टीकरण लेने को कहा। उन्होंने इस दौरान दफ्तर में व्यवसायिक और गैर व्यवसायिक निर्माण मानचित्रो की जानकारी ली। प्राधिकरण कार्यालय में 2016 से मानचित्र की फाइल का ऑन लाइन डाटा तैयार किया जा रहा है। कार्यालय को लगभग 10 हजार फाईलो को ऑनलाइन किया जाना हैं जिससे भविष्य के लिए सभी दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे। ऑनलाइन की धीमी प्रगति और लेटलतीफी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सचिव प्राधिकरण को कार्य में तेजी लाने के साथ ही मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। कहा कि सुनिश्चित किया जाए कि हफ्ते में एक दिन कार्मिक को छुट्टी मिले लेकिन बाकी दिन सभी कार्मिक अपना कार्य करें। साथ ही जिस एजेंसी को यह कार्य दिया गया है वह कॉन्ट्रैक्ट के अनुरूप कार्मिक उपलब्ध कराए जिससे समय पर कार्य पूरा हो सके।
उन्होंने निरीक्षण के दौरान पाया कि व्यवसायिक और गैर व्यवसायिक मामले एक साथ संचालित हो रहे थे। उन्होंने कहा कि दोनों मामलों का लेखा-जोखा पृथक होना चाहिए तथा वर्षवार फाइलों का लेखा-जोखा ना होने पर उन्होंने वर्षावार फाइलों का लेखा-जोखा तैयार कराने के निर्देश दिये ताकि वरीयता के आधार पर फाइलों का निस्तारण हो सके। प्राधिकरण कार्यालय में हल्द्वानी खास निवासी रविन्द्र मियान नामक व्यक्ति ने बताया कि वे अपनी दुकानों की मरम्मत का कार्य करा रहे थे किंतु प्राधिकरण के छापे से पूर्व और बाद में एक व्यक्ति उनकी दुकान में आया और वीडियो बनाकर ले गया। उस व्यक्ति का कहना था कि बिना अनुमति के मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है जो कि नियम विरुद्ध है। बाद में उसने किसी व्यक्ति से मामले को सॉर्ट आउट कराने की बात कही गई। आयुक्त ने मामले का संज्ञान लेते हुए प्रकरण में शामिल सभी को मौके पर तलब किया और काफी पूछताछ की। कहा की मामले को गंभीरता से लिया जा रहा हुआ और इसकी गहन जांच की जाएगी।
उन्होंने कहा यह भी संज्ञान में आया कि अधिकारी सम्बन्धित क्षेत्र का निरीक्षण कर लेते है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। उन्होंने भविष्य में इस प्रकार के मामले संज्ञान में आने पर सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होंने कहा कि लोगों को नक्शों से सम्बंधित कार्यों में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए और फाइलों का तत्काल निस्तारण होना चाहिए।
कहा बिना अनुमति व्यवसायिक निर्माण कही भी पाया जाता है तो सम्बन्धित के खिलाफ नोटिस के साथ ही चालान की कार्यवाही की जाय।आयुक्त ने कहा की प्रायः देखा जा रहा है कि निजी व्यक्तियों द्वारा बिना अनुमति के सार्वजनिक संपत्तियों पर प्रचार सामग्री के होर्डिंग, बैनर लगाए जा रहे है जो कि सरासर नियम विरुद्ध है। इससे सरकार को राजस्व को हानि तो होती है साथ ही लोग भ्रामक जानकारी के शिकार हो रहे है। उन्होंने समस्त अधिकारीयों को अपनी अपनी सार्वजनिक संपत्तियो पर इस तरह के लगे प्रचार सामग्री को तत्काल हटाने के निर्देश दिए।
सोमवार को आयुक्त दीपक रावत ने नगर निगम कार्यालय के निरीक्षण के दौरान दाखिल खारिज वादों के निस्तारण में संतोष व्यक्त किया तथा स्ट्रीट लाइटों की शिकायत जो 15 दिनों से लम्बित है उनका समय से निस्तारण नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होने नगर निगम के अधिकारियों को स्वयं के स्तर पर सर्वे कर तीन दिन के भीतर स्ट्रीट लाइट को ठीक कर रिपोर्ट प्रस्तुत कराने के निर्देश दिये। उन्होंने नगर निगम में फील्ड कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति नहीं होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और सम्बन्धित अधिकारी को निर्देश दिये कि एक सप्ताह के भीतर सभी सफाई फील्ड कार्मिकों की बायोमैट्रिक उपस्थित कराना सुनिश्चित करे। उन्होने कहा कार्यो में ढिलाई होने पर सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ स्पष्टीकरण की कार्यवाही की जायेगी।
आयुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये है कि पब्लिक सेक्टर के कार्यालय जिनमें आम जनमानस के कार्य होते है उनकी आपत्तियों का निस्तारण समय से हो। उन्होंने लोगों के भवन मानचित्रों का निस्तारण 15 दिनों के भीतर होने पर संतोष व्यक्त किया। निरीक्षण के दौरान पता चला कि लगभग 15 कार्मिक आज अवकाश पर है जिस पर आयुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा की मानसून सीजन में अधिकारी, कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को समझें। कहा की आगे के दो दिन और पिछले दो दिन छुट्टी होने पर कार्मिकों ने अवकाश लिया है जो की गलत है। उन्होंने अतिआवश्यक कार्य होने पर ही अवकाश लेने की नसीहत दी।