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दुर्घटना के बाद अस्पताल में मौजूद लोगों की भीड़

उत्तराखण्ड

दुःखद: टैंकर की चपेट में आने से दो छात्राओं की मौत, लिफ्ट ली थी ट्रैक्टर टैंकर चालक से

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टनकपुर (चंपावत)। सूखीढांग-डांडा-मीनार सड़क पर टैंकर की चपेट में आने से दो छात्राओं की मौत हो गई। उन्होंने क्षेत्र में डामरीकरण कार्य में लगे ट्रैक्टर-टैंकर चालक से लिफ्ट ली थी। छात्राओं की मौत से गांव में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिजनों से फोन पर बात कर शोक संवेदना व्यक्त की और उन्हें ढाढ़स बंधाया।

ग्राम पंचायत बुड़म के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तलियाबांज से दसवीं की छात्रा अनीता (16) पुत्री कुशल सिंह और कविता (16) पुत्री हरीश सिंह स्कूल की छुट्टी के बाद अन्य छात्राओं के साथ घर को पैदल लौट रही थीं। इस दौरान वहां से गुजर रहे टैक्टर-टैंकर चालक से छात्राओं ने लिफ्ट ली। चालक ने ट्रैक्टर रोका और छह छात्राएं उस पर सवार हो गईं। बताया जा रहा है कि गांव से करीब एक किमी पहले ढलान पर ट्रैक्टर असंतुलित हो गया। ब्रेक लगाने पर झटका लगा जिससे अनीता व कविता छिटककर गिर गईं और पीछे लगे पानी के टैंकर के टायर की चपेट में आ गईं। मौके पर ही दोनों ने दम तोड़ दिया।हादसे के बाद टैंकर चालक चालक नेपाल निवासी रेशम रावत फरार हो गया। दोनों छात्राओं को 108 एंबुलेंस से स्वास्थ्य केंद्र टनकपुर लाया गया, जहां पुलिस ने पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए। घटना से क्षेत्र में शोक की लहर है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

बताया जा रहा है कि अनीता पांच बहन-भाई थे जबकि कविता सात बहन-भाइयों में पांचवें नंबर की थी। हर रोज की तरह हाईस्कूल तलियाबांज में पढ़ने वाले बच्चे 12 किमी चलकर घर पहुंचते थे। स्कूल की कक्षाओं में बिताए पलों को एक-दूसरे को सुनाते थे। हंसते खेलते घर पहुंचकर घर वालों से लिपट जाते थे। स्कूली बातें बताते थे, लेकिन बुधवार का दिन दो परिवारों की बेटियों के लिए लिए काल बनकर आया। ट्रैक्टर से लिफ्ट लेना उनके लिए जान की आफत बन गई। ट्रैक्टर में सवार अन्य छात्राएं दहशत में हैं। उन्हें अपनी साथियों की मौत का यकीन नहीं हो रहा है। मौके पर गिरी दोनों साथियों के शरीर से गिरते खून को देखकर सभी छात्राओं ने चीख पुकार मचाई, लेकिन उन्हें सुनने वाला कोई नहीं था। उनकी चीख-पुकार के बीच खून से लथपथ दोनों छात्राओं की कब मौत हो गई, अन्य छात्राओं का पता भी नहीं चला। वह रोती रहीं।

बुड़म गांव की दोनों छात्राओं के बाद से गांव में हर किसी की आंखें नम हैं। उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि बेटी चली गई है। छात्राओं की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बेटियों का नाम लेकर कह रही हैं कि मेरी बेटी कब आएगी…। इधर उप जिला अस्पताल टनकपुर में भी शोकाकुल परिजनों का जमावड़ा लग गया। हर किसी की आंख नम हो गई। बुड़म से स्कूल की दूरी करीब 12 किमी है। रोज पैदल छात्राएं जाती थीं। बुधवार को भी पैदल ही स्कूल गई थीं लेकिन आज लौटते समय उन्होंने लिफ्ट मांगकर घर आने की सोची और यह उनका आखिरी सफर बन गया। इधर रीठासाहिब क्षेत्र के थानाध्यक्ष पीएस नेगी ने बताया कि ट्रैक्टर को कब्जे में ले लिया गया है। देर शाम तक पुलिस को मामले में तहरीर नहीं मिली थी।

मृतक छात्रा कविता सात भाई-बहनों में पांचवें नंबर की थी। परिवार में मां चंद्रा देवी, पिता हरीश सिंह, दो भाई अंकुश सिंह, राजेंद्र सिंह, बहन प्रियंका, मीरा, बबीता और करिश्मा है। पिता खेती कर बच्चों का पालन पोषण करते हैं। वहीं, मृतक छात्रा अनीता के परिवार में मां जयंती देवी, पिता कुशल सिंह, भाई राहुल और सौरभ सिंह हैं। हादसे की सूचना मिलते ही परिजन उप जिला अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में भाजपा नेता नवीन चंद्र भटट, प्रेम सिंह बोहरा, शंकर भटट, समाजसेवी मोहन जोशी, सीएम कैंप कार्यालय के राजपाल सिंह आदि ने पीड़ित परिवार को ढाढ़स बंधाया।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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