लाइफस्टाइल
टीएमयू फिजियो स्टुडेंट्स ने जाना पल्पेशन तकनीक का महत्व
- तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोथैरेपी की ओर से पल्पेशन और टेपिंग का फिजियोथैरेपी में महत्व पर दो दिनी वर्कशॉप.
लखनऊ से आए इंडियन साइक्लिंग टीम और स्पोर्टस आथोरिटी ऑफ इंडिया के वरिष्ठ फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. प्रहलाद प्रियदर्शी ने बतौर मुख्य वक्ता कहा, पल्पेशन तकनीक मांसपेशियों और हड्डियों के डेमेज का पता लगाने में वरदान है। इसके जरिए मांसपेशियों और हड्डियों की सही स्थिति का जल्द से जल्द आकलन किया जा सकता है। यह तकनीक मांसपेशियों और हड्डियों का इलाज करने में भी अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने एमपीटी के स्टुडेंट्स मो. फरहान और कार्तिक त्यागी पर इसका डेमो भी करके दिखाया। डॉ. प्रियदर्शी तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोथैरेपी की ओर से टेपिंग और पल्पेशन का फिजियोथैरेपी में महत्व पर आयोजित दो दिनी वर्कशॉप में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। इससे पूर्व स्पोर्टस आथोरिटी ऑफ इंडिया के वरिष्ठ फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. प्रियदर्शी ने बतौर मुख्य वक्ता और फिजियोथैरेपी की एचओडी डॉ. शिवानी एम. कौल ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके वर्कशॉप का शंखनाद किया।
वर्कशॉप में एमपीटी के स्टुडेंट्स अक्शा ताहिर, मोहम्मद रफी, करिशमा शर्मा, राधिका चौधरी, कार्तिक त्यागी, दीपाली गुप्ता, हिमांशी भट्ट आदि ने मांसपेशियों के खिचाव में कैसे कारगर है? इस तकनीक से बढ़ते दर्द, जख्म और ब्लीडिंग को रोकना कैसे सम्भव है? आदि सवाल पूछे। मुख्य वक्ता ने सारगर्भित जवाब देकर छात्रों की जिज्ञासा को शांत किया। अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यशाला के दूसरे दिन टेपिंग तकनीक पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बोले, टेपिंग की सहायता से हम चोटिल मांसपेशियों को त्वचा की ऊपरी सतह से ही आरामदायक स्थिति में लाकर उसका सरल उपचार कर सकते हैं। उन्होंने बताया टेपिंग की सहायता से मैदान में चोटिल खिलाड़ी को मैदान पर ही त्वरित उपचार करके खेलने के लिए तैयार किया जा सकता है। ख़ासकर क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी जैसे आउटडोर गेम इसके उदाहरण हैं। टेपिंग ट्रीटमेंट में तुरंत राहत मिलती है। कार्यशाला में फिजियोथैरेपी के डिप्लोमा द्वितीय वर्ष, बीपीटी के चतुर्थ वर्ष और एमपीटी के 90 स्टुडेंट्स ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर डॉ. शीतल मल्हान, डॉ. हरीश शर्मा, डॉ. फरहान खान, डॉ. कोमल नागर, डॉ. सोनम निधि, डॉ. समर्पिता सेनापति, डॉ. शिप्रा गंगवार, डॉ. प्रिया शर्मा, डॉ. नन्दकिशोर शाह, डॉ. हिमानी राठी आदि भी मौजूद रहे। संचालन डॉ. शाजिया मट्टू ने किया।