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विदेश मंत्री के बयान को लेकर सियासी विवाद की शुरुआत मंगलवार रात सिद्दरमैया के सिलसिलेवार ट्वीट से हुई। उन्होंने कर्नाटक की हक्की पिक्की जनजाति के 31 लोगों के सूडान में फंसे होने की बात उठाते हुए उन्हें वापस लाने के लिए विदेश मंत्री से पहल तेज करने को कहा था।

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जयशंकर पर भड़की कांग्रेस; की थी सूडान में फंसे कर्नाटक के लोगों को बचाने की अपील, प्रतिक्रिया को बताया भयावह

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नई दिल्ली: कांग्रेस ने सूडान के सशस्त्र संघर्ष में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी की पूर्व सीएम सिद्दरमैया की अपील पर विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रतिक्रिया को भयावह और असंवेदनशील करार देते हुए उन पर तगड़ा पलटवार किया है। कांग्रेस ने कहा कि जयशंकर यह भूल गए हैं कि उन्होंने मंत्री के तौर पर कुछ जिम्मेदारियों की शपथ ली है।

कांग्रेस का जयशंकर पर हमला

कर्नाटक में बढ़ती चुनावी गरमागरमी के बीच मानवीय अपील पर छिड़ी सियासी रार में विदेशमंत्री के खिलाफ तीखा हमला बोलते हुए कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए कहा, सच्ची अपील के साथ एक पूर्व मुख्यमंत्री के अनुरोध पर विदेश मंत्री की ओर से सबसे भयावह प्रतिक्रिया। एक ऐसे व्यक्ति से इस स्तर की नीचता को मैं बहुत अच्छी तरह से जानता हूं, जिसने नई वफादारी विकसित की है और जो कुछ भी कहता है और करता है, उसे दिखाना चाहता है।

विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया हैरान करने वाली

कांग्रेस इंटरनेट मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सिद्दरमैया की नागरिकों की सहायता की अपील पर विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया बहुत हैरान करने वाली है। इस सरकार से जुड़े लोगों की समस्या यह है कि वे छोटी से छोटी बात पर चिढ़ जाते हैं। उन्होंने विदेश मंत्री से पूछा कि सूडान में फंसे कर्नाटक के नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए संदेश पहुंचाने की इस पहल में क्या भयावह था? इस मुद्दे का राजनीतीकरण करने के आरोपों को खारिज करते हुए सुप्रिया ने कहा कि मदद मांगने में कौन सी राजनीति है और आप (जयशंकर) असहाय हो सकते हैं और वास्तव में आप किसी काम के नहीं है।

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थरूर ने भी प्रतिक्रिया को ठहराया अनुचित

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर ने भी विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया को अनुचित ठहराते हुए ट्वीट में कहा कि जयशंकर की प्रतिक्रिया ने मुझे चौंका दिया। वह जानते हैं कि जनप्रतिनिधि अक्सर संकट में पड़े अपने नागरिकों के लिए सरकार से अपील करते हैं। विदेश मंत्री ने मेरे अनुरोध पर कोरोना के दौरान कई लोगों की मदद की थी। ऐसे में सिद्दरमैया का अनुरोध भयावह कैसे था?

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सिद्दरमैया के ट्वीट से शुरू हुआ विवाद

विदेश मंत्री के बयान को लेकर सियासी विवाद की शुरुआत मंगलवार रात सिद्दरमैया के सिलसिलेवार ट्वीट से हुई। उन्होंने कर्नाटक की हक्की पिक्की जनजाति के 31 लोगों के सूडान में फंसे होने की बात उठाते हुए उन्हें वापस लाने के लिए विदेश मंत्री से पहल तेज करने को कहा था। इस पर जयशंकर ने सिद्दरमैया पर वार करते हुए कहा कि आपके ट्वीट से स्तब्ध हूं। यहां लोगों का जीवन दांव पर है और उनकी स्थिति का राजनीतीकरण करना घोर गैर-जिम्मेदाराना है। कोई भी चुनावी लक्ष्य विदेश में भारतीयों को खतरे में डालने को सही नहीं ठहराता है।

विदेश मंत्री पर तीखा पलटवार

सिद्दरमैया ने भी पलटवार करते हुए कहा कि चूंकि आप विदेश मंत्री हैं, इसलिए मैंने आपसे मदद की अपील की है। यदि आप भयभीत होने में व्यस्त हैं, तो कृपया उस व्यक्ति के बारे में बताएं जो हमारे लोगों को वापस लाने में हमारी मदद कर सके।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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