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उत्तराखण्ड

खूब जमी सैनिक स्कूल के बच्चों और कुलपति प्रो. रावत के बीच की केमिस्ट्री, बच्चों में अपने बचपन को देखने का शानदार अनुभव

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  • कुलपति ने किया सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों से शैक्षणिक संवाद और दिए परीक्षा में उच्चतम अंक लाने के टिप्स *विद्यार्थी अपने सुनहरे भविष्य के लिए सार्थक लक्ष्य निर्धारित कर मेहनत करें- कुलपति प्रो० दीवान सिंह रावत

नैनीताल। खुद के बचपन में जाने और उसे अनुभव करने का यह शानदार पल था। अपने अल्हड़पन के वो कीमती 4 साल आज से करीब चार दशक पहले जहां गुजारे आज वही बचपन आज उनके सामने था जिस बचपन के रूप में उन्होंने सैनिक स्कूल के छात्रों के साथ बातचीत की। बातचीत की इस अनोखी केमिस्ट्री के पल यादगार बन गए।

कुमाऊं विवि के नव नियुक्त कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत तब भारतीय शहीद सैनिक स्कूल के शिक्षकों और दोस्तों के लिए बस दीवान थे जिनकी पढ़ाई के प्रति दीवानगी उनके मुखर भविष्य की ओर इशारा करती थी। सुदूर क्षेत्र रेखोली से यहां आये दीवान के लिए तब शायद यहां का माहौल और सब कुछ नया था जिसमें जल्द ही ढलकर वह होनहार बनने की ओर अग्रसर थे। और वही दीवान रसायन शास्त्र के तमाम जटिल समीकरणों से पार पाते हुए एक विद्वान रसायन शास्त्री के तौर पर देश में नाम कमाने के बाद आज अपने उन्हीं पुराने दिनों में लौट आये थे जब सिर पर टोपी पहने हुए वह बेहद अनुशासन में रहे और जहां से दीवान के प्रोफेसर दीवान सिंह रावत बनने की नींव पड़ी।

उन्हीं भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में नवनियुक्त कुलपति प्रो० दीवान सिंह रावत से मुलाकात कर हार्दिक शुभकामनाओं के साथ पुष्पगुच्छ भेंट किये। ज्ञात हो कि कुलपति प्रो० रावत ने 1985 से 1988 तक नैनीताल के प्रतिष्ठित भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय से हाईस्कूल व इंटर की शिक्षा ग्रहण की थी। कुलपति प्रो० दीवान सिंह रावत ने विद्यार्थियों से शैक्षणिक संवाद में जहाँ उनके भविष्य के लक्ष्य पर चर्चा की वहीं विद्यार्थियों को विभिन्न ज्ञानवर्धक जानकारियाँ भी प्रदान की। विद्यार्थियों ने काफी उत्सुकता के साथ सवाल पूछे। विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कुलपति प्रो० रावत ने कहा कि वे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर अपना बेहतर भविष्य तैयार करें। उन्होंने कहा कि किताबें मनुष्य की सच्ची मित्र होती हैं और हमें किताबों की संगति करनी चाहिए साथ ही पाठ्यपुस्तकों के अलावा अन्य पुस्तकों को भी पढ़ने की आदत बनाना बहुत आवश्यक है। इससे न केवल ज्ञान में वृद्धि होती है बल्कि विषय विशेष का ज्ञान भी बढ़ता है।

कुलपति प्रो० रावत ने अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को अपने भविष्य का लक्ष्य बनाकर मेहनत करनी चाहिए। सार्थक लक्ष्य रखने से आपके जीवन को एक उद्देश्य मिलता है। आप जो बनना चाहते हैं उसका लक्ष्य रखना आपको प्रेरित करता है। लक्ष्य आपको ऊर्जा, आत्मविश्वास और प्रत्येक दिन के लिए कुछ न कुछ देता है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य श्री बी०एस० मेहता ने कहा कि हम सबको काफी ख़ुशी हो रही है कि भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय के पुरातन विद्यार्थी और जाने माने रसायन शास्त्री प्रो० रावत आज कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में अपने विद्यालय को गौरवान्वित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज का दिन इन छात्रों के लिए जीवन का यादगार दिन के रूप में अंकित हो गया। उनके लिए देश के जाने-माने शिक्षाविद, रसायन शास्त्री और कुलपति प्रो० रावत के साथ बातचीत करने का यह अनुभव अविस्मरणीय रहेगा। इस दौरान कुलसचिव श्री दिनेश चंद्रा, डॉ० महेंद्र राणा, निजी सचिव कुलपति श्री एल०डी० उपाध्याय, भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय के शिक्षक श्री प्रवीण सती, डॉ० प्रह्लाद, श्री रोहित वर्मा, डॉ० नीलम, डॉ० रेनू, श्रीमती मीनाक्षी बिष्ट सहित विद्यार्थी मयंक, अक्षय, यश, हिमानी, सिमरन, दिया, यक्षिता, चेतना आदि मौजूद थे।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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