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तो क्या तुर्की के बाद भारत में बजने लगी है खतरे की घंटी…आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर की चेतावनी के बीच देश के इस शहर में भूकंप के झटके

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भारत में अब छोटे झटकों पर भी अलर्ट रहने की जरूरत बताई गई है
गुजरात के सूरत में शुक्रवार देर रात भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। इंस्टीट्यूट ऑफ सीस्मोलॉजिकल रिसर्च (आईएसआर) के मुताबिक, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.8 दर्ज की गई। जिस वजह से झटके काफी कमजोर थे। हालांकि, तुर्की में हाल ही में भूकंप से हुई तबाही को देखते हुए भारत में अब छोटे झटकों पर भी अलर्ट रहने की जरूरत बताई गई है। आईएसआर के मुताबिक, सूरत में देर रात 12.52 पर रिकॉर्ड किए गए इन झटकों का केंद्र शहर से 27 किमी दूर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में समुद्र में था।

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इनसे किसी तरह का जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। गौरतलब है कि गुजरात में इससे पहले कई खतरनाक भूकंप रिकॉर्ड हो चुके हैं। इनमें 1819, 1845, 1847, 1848, 1864, 1903, 1938, 1956 और 2001 में आए भूकंप को सबसे खतरनाक कहा जाता है। 2001 में कच्छ में आया भूकंप भारत में पिछली दो सदियों में सबसे खतरनाक था। इससे 13 हजार 800 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, जबकि 1.67 लाख लोग घायल हुए थे।

वरिष्ठ प्रोफेसर जावेद मलिक ने क्या दी है चेतावनी
कानपुर। टर्की में जिस तरीके से भूकंप ने कहर ढाया है। उसके कारण पूरे विश्व में प्राकृतिक आपदाओं को लेकर डर का माहौल है। टर्की भूकंप के बाद आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर ने यह दावा किया है कि जल्द ही भारत भी भूकंप के झटके महसूस कर सकता है। कुछ दिन पहले टर्की, सीरिया और लेबनान में भूकंप आया है।

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बीते साल भारत के भी कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। जिसको लेकर आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर जावेद मलिक का कहना है कि देश में आनेवाले दिनों में तगड़ा भूकंप आने की आशंका है। इतना ही नहीं उनका दावा है कि भूकंप का केंद्र हिमालय, अंडमान निकोबार या फिर कच्छ हो सकता है। जिसको लेकर हमें सावधानी बरतनी चाहिए और सतर्कता रखनी चाहिए।

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