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चंद वंश के राजाओं द्वारा 17वीं सदी में बनाया गया ये मंदिर अल्मोड़ा से तकरीबन पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

अल्मोड़ा

उत्तराखंड के पहाड़ों में बसा मां पाताल देवी मंदिर, जहां पूरी होती है हर किसी के मन की मुराद

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अल्मोड़ा: उत्तराखंड में हर जगह इतिहास का खजाना बिखरा पड़ा है।

Almora Patal Devi Temple : सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा एक ऐसी ही जगह है, जहां आज भी आपको सैकड़ों साल पुराने मंदिर देखने को मिल जाएंगे। पाताल देवी क्षेत्र में स्थित मां पाताल देवी का मंदिर ऐसे ही मंदिरों में से एक है। कहते हैं यह मंदिर करीब 250 साल पुराना है। चंद वंश के राजाओं द्वारा 17वीं सदी में बनाया गया ये मंदिर अल्मोड़ा से तकरीबन पांच किलोमीटर की दूरी पर है। यहां पर नवदुर्गा, अष्ट भैरव और पांच गणेश मंदिर समेत कई मंदिर राजाओं द्वारा बनाए गए थे। इन्हीं में से एक पाताल देवी का मंदिर भी है, जहां आज भी गर्भगृह में कई प्राचीन मूर्तियां देखी जा सकती हैं।

कहते हैं यहां पर मां शक्तिपीठ रूप में साक्षात विराजमान हैं। इस मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां मांगी गई हर इच्छा पूरी होती है। क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी चंद्र सिंह चौहान ने बताया कि यह मंदिर ऐतिहासिक है। वर्तमान में मंदिर में थोड़ी बहुत टूट-फूट हो रही है, इसके जीर्णोद्धार के लिए शासन को डीपीआर भेजी है। उम्मीद है कि जल्द काम शुरू हो जाएगा। मंदिर में एक कुंड भी है। कहते हैं कि इस कुंड के पानी से चर्म रोग दूर होते थे, लेकिन अब यह सूख चुका है। मंदिर के पुजारी खजान चंद पांडे कहते हैं कि यहां मांगी गई हर इच्छा पूरी होती है। यही वजह है कि श्रद्धालु दूर-दूर से इस मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मंदिर में आज भी कई दुर्लभ प्रतिमाएं देखी जा सकती हैं।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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