महाराष्ट्र
शिवसेना ने फ्लोर टेस्ट को दी चुनौती, राज्यपाल के फैसले के खिलाफ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
मुंबई.शिवसेना ने कल होने वाले फ्लोर टेस्ट को चुनौती दी है. पार्टी के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आदेश को चुनौती दी है. बता दें कि कल यानी 30 जून को राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट कराने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को राज्यपाल के पत्र से पैदा हुई स्थिति पर चर्चा करने के लिए एमवीए नेताओं की एक बैठक बुलाई है.
शिवसेना की दलील है कि उच्चतम न्यायालय ने अपने पिछले आदेश में 11 जुलाई तक मामले पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा था. बता दें कि पिछले दिनों महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों को राहत देते हुए कहा था कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए.
‘फ्लोर टेस्ट कराने का अधिकार नहीं’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण के मुताबिक राज्यपाल को फिलहाल फ्लोर टेस्ट कराने का अधिकार नहीं है. चह्वाण ने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-’ से कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई तक मामले पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा है. चह्वाण ने कहा कि अगर बागी विधायक एमवीए सरकार द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करते हैं तो उन्हें अयोग्य करार दिया जाएगा.
क्या है पृथ्वीराज चह्वाण की दलील
पृथ्वीराज चह्वाण ने कहा, ‘विधानसभा के उपाध्यक्ष को शिवसेना विधायक दल में विभाजन को स्वीकार करना पड़ेगा. बागी विधायकों को एक पत्र देना होगा कि उनके पास विधायक दल के दो-तिहाई सदस्यों का समर्थन है और उन्होंने एक अन्य पार्टी के साथ विलय कर लिया है.’

