महाराष्ट्र
शिंदे गुट-भाजपा सरकार का बुहमत परीक्षण आज, CM ने बताया ‘औपचारिकता’
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में आज एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार को बहुमत साबित करना है. विश्वास मत पर वोटिंग से एक दिन पहले उद्धव ठाकरे गुट को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने रविवार रात शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में अजय चौधरी की नियुक्ति को खारिज कर दिया. स्पीकर राहुल नार्वेकर के कार्यालय द्वारा जारी एक पत्र के मुताबिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में बहाल किया गया है. वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के सुनील प्रभु को हटाकर, शिंदे खेमे के भरत गोगावले को शिवसेना का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है.
उद्धव गुट ने कहा है कि वह स्पीकर के इस फैसले को अदालत में चुनौती देंगे. शिवसेना के बागी विधायक और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को संबोधित पत्र में कहा गया है कि महाराष्ट्र विधान भवन प्रशासन को उनके गुट से 22 जून को एक पत्र मिला था, जिसमें पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता पद से हटाने पर आपत्ति जताई गई थी. मामले की वैधता पर चर्चा करने के बाद, विधानसभा अध्यक्ष ने शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में अजय चौधरी की नियुक्ति को खारिज कर दिया है. उद्धव ठाकरे गुट के लिए एक बड़ा झटका है. क्योंकि उनके 16 विधायक आज विश्वास मत के लिए भरत गोगावले द्वारा जारी किए जाने वाले व्हिप से बंधे होंगे.
उद्धव गुट के 16 विधायकों को करना पड़ सकता है आयोग्यता का सामना
अगर ये 16 विधायक गोगावले द्वारा जारी व्हिप का पालन करने से इनकार करते हैं, तो उन्हें अयोग्यता का सामना करना पड़ सकता है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि वह इस ‘असंवैधानिक’ फैसले को अदालत में चुनौती देंगे. शिवसेना विधायक दल के नेता पद से अपदस्थ किए जाने पर अजय चौधरी ने कहा कि नए अध्यक्ष ने दोनों पक्षों की आपत्तियों पर कोई सुनवाई तक नहीं की. उन्होंने कहा, ‘जब मेरा नाम शिवसेना विधायक दल के नेता पद के लिए प्रस्तावित किया गया था, तो उस पर विधायक दादा भूसे और संजय राठौड़ ने हस्ताक्षर किए थे. वे दोनों बाद में शिंदे खेमे में शामिल हो गए. स्पीकर इन तथ्यों को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं?’

