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उत्तराखण्ड

दुःखद: मशहूर लोक गायक प्रहलाद मेहरा का निधन

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हल्द्वानी। उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक गायक प्रहलाद मेहरा का निधन हो गया है। प्रहलाद मेहरा के निधन से उत्तराखंड की संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई। 53 साल की उम्र में प्रसिद्ध लोक गायक प्रहलाद सिंह मेहरा की हार्ट अटैक से हुई आकस्मिक मृत्यु ने सबको स्तब्ध कर दिया है। अपनी मधुर आवाज से लोक गीतों से लोगों का दिल जीत लिया। मशहूर लोक गीत गायक आज हमारे बीच नहीं रहे। आज हल्द्वानी के कृष्णा अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।

श्री प्रमोद साह जी की प्रतिक्रिया उनकी फेसबुक वाल से

अभी-अभी श्री प्रहलाद मेहरा जो की अपनी जड़ों से बेहद गहराई से जुड़े कुमाऊं के प्रसिद्ध लोक गायक थे ,उनके मात्र 53 वर्ष की आयु में हृदय गति रुक जाने से मृत्यु का समाचार प्राप्त हो रहा है .अब जबकि श्री मेहरा जी की रचनाओं में वेग के साथ , एक गंभीर ठहराव दिखाई दे रहा था, जब वह लोक और लोक की खुशहाली के लिए संगीत और उसकी परंपरा के महत्व को बड़ी शिद्दत से समझ रहे थे।”तू एजा मेरा दानपुरा’ जिसमें कर्ण प्रिय गीत से अधिक , हमारे ऐतिहासिक दानपुर क्षेत्र की समृद्ध लोकसंस्कृति के साथ ही , क्षेत्र की वर्तमान प्राथमिकताओं का मार्मिक आह्वान भी छिपा था । साथ ही श्री प्रहलाद मेहरा जी पिछले दिनों क्षेत्र में हो रहे विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रमों, जैसे किताब कौतिक आदि में भी एक लोक कलाकार के रूप में उनकी लगातार सक्रियता इस बात का संकेत दे रही थी की भविष्य में उनकी प्रतिभा के पिटारे से कुछ बेहद महत्वपूर्ण लोक महत्व की रचनाएं निकलने वाली हैं। मैं बीते 25 वर्षों से श्री प्रहलाद मेहरा जी से बेहद आत्मीय रूप से जुड़ा था और उनकी रचना यात्रा को नजदीक से देख रहा था ।तभी हृदय गति रुकने से उनकी जीवन यात्रा समाप्त होने का बेहद दुखद समाचार प्राप्त हो रहा है, इस दुखद समाचार के साथ ही सार्वजनिक जीवन में बेहद सक्रिय रहे उन बहुत से मित्रों एंव आदरणीय जनो का भी स्मरण स्मृति में स्मरण उभर रहा है, जिन्होंने अपनी सक्रियता के कारण अपने स्वास्थ्य के कारणो की उपेक्षा की ,जिस कारण समाज की बेहद महत्वपूर्ण पूंजी समय से पहले हमने खो दी ।बीते कुछ वर्षों में जिन महत्वपूर्ण सख्शियतो ने स्वास्थ्य के कारणो से हमसे बिछोह लिया , उनमें पूर्व में भिक्यासैण के विधायक रहे श्री प्रताप बिष्ट जी , श्री विपिन त्रिपाठी जी, आदरणीय शमशेर सिंह बिष्ट जी, आदरणीय श्री गिरीश तिवारी गिर्दा के नाम पहली झलक में स्मृति में उभर रहे हैं।हालांकि जीवन और मृत्यु विधि के हाथ है यह भी परम सत्य है ।लेकिन सार्वजनिक जीवन की हमारी व्यवस्तता हमें स्वास्थ्य के कारणो की उपेक्षा करने का अभ्यस्त बना देती है… जिस कारण हमारे मन में एक पश्चाताप रह जाता है कि समाज की यह महत्वपूर्ण पूंजी कहीं उपेक्षा के कारण समय से पहले काल कल्वित तो नहीं हो गई ?एक बहुत महत्वपूर्ण, ख्यातिलब्ध लोक गायक की मात्र 53 वर्ष की आयु में इस प्रकार विदाई बेहद दुखद है, मैं हृदय की गहराई से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उन तमाम सामाजिक विभूतियो और सक्रिय व्यक्तित्व से अनुरोध करता हूं, स्वास्थ्य के प्रति तनिक सचेत रहें , और समझे आप स्वयं से ज्यादा समाज की जरूरत और धरोहर हैं ।विनम्र श्रद्धांजलि 💐💐

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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