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एक अलग पहचान बनाने की ओर अग्रसर ब्लॉक की रामलीला, तीसरे दिन रावण-बाणासुर, लक्ष्मण-परशुराम संवाद जिसने देखा बस देखता रह गया

हल्द्वानी। यहां ब्लॉक में आयोजित की जाने वाली श्री रामलीला का आज तीसरा दिन था और लीला ऐसी कि यहां आए आये दर्शक उसके सम्मोहन में बंध से गए थे। आज का दिन था सीता स्वयंवर का और मंच पर सारे राजाओं के आगमन के साथ जब रावण के अभिनय में पूर्व सैनिक त्रिलोक सिंह पतलिया और रायफलमैन मोहन जोशी का बाणासुर के रूप में संवाद शुरू हुआ तो पहाड़ की जानी-मानी रामलीला की यादें ताजा हो गईं। ब्लॉक रामलीला कमेटी ने जिस अंदाज में यहां लीला का मंचन किया है उसे साफ है कि आने वाले समय में यह रामलीला एक अलग पहचान बनाएगी।
रावण बाणासुर संवाद के बाद अब दर्शकों के बीच उन्हें बांधे रखने की बारी थी परशुराम लक्ष्मण संवाद की। परशुराम के अभिनय में जब रामलीला कमेटी के संस्थापक सदस्य मुकेश जोशी पहुंचे तो साक्षात परशुराम ही सामने थे। हारमोनियम तबले की सुंदर संगत के साथ जी ले और ताल से यहां रामलीला आयोजित की जा रही है और सभी कलाकार अपना अभिनय जिस अंदाज में सामने ला रहे हैं उसे यहां से होकर निकलने वाला हर कोई व्यक्ति एक बार रुक जरूर रहा है। रामलीला कमेटी और कलाकारों का उत्साहवर्धन करने के लिए दर्शकों की भारी संख्या भी यह प्रमाणित करने के लिए काफी थी कि यहां लीला का मंचन कि शानदार अंदाज में किया जा रहा है। किरदार फिर जनक का हो राम, लक्ष्मण का हो या फिर अन्य का सारे कलाकार जीवंत भूमिका में नजर आए।


रामलीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि आरएसएस के जिला कार्यवाह श्री गोधन सिंह धौनी तथा वनवासी कल्याण आश्रम के प्रदेश अध्यक्ष श्री सुरेश पांडेय जी ने दीप प्रज्वलित करके किया। उससे पूर्व कमेटी के कार्यकर्ताओं ने मुख्य अतिथियों का श्रीराम पट्टिका पहनाकर स्वागत किया गया।
गोधन धौनी ने कहा कि सनातन धर्म में जीवन पर्यंत मनुष्य किसी ना किसी रूप में राम नाम से जुड़ा ही रहता है, सुरेश पांडेय जी ने कहा रामलीला मंचन एक सामाजिक कार्य है जिसमें समाज के हर व्यक्ति को तन मन धन से सहयोग करना चाहिए।

आज की लीला में सीता का किरदार कु० खुशी जोशी, राम का नीलेश जोशी, लक्ष्मण का हर्षित जोशी, भरत का हर्षवर्धन जोशी, शत्रुघ्न का दिव्यांशु जोशी, परशुराम का कमेटी के संस्थापक अध्यक्ष मुकेश जोशी, जनक का भाष्कर साह, सुनैना का श्रीमती खष्टी जोशी, रावण का पूर्व सैनिक त्रिलोक सिंह पतलिया, बाणासुर का रायफलमैन मोहन जोशी, दशरथ का पूर्व सैनिक गोकुलानंद जोशी, विश्वामित्र का कृष्ण दुर्गापाल, बंदीजन का आशु जोशी और जय दुर्गापाल तथा शतानन्द का किरदार पण्डित कपिल पांडेय के द्वारा निभाया गया।
इस अवसर पर कमेटी के संरक्षक एडवोकेट कुँवर नृपेंद्र सिंह रौतेला, किरीट पांडेय, पूर्व सैनिक महेश चंद्र कुनियाल, पूर्व सैनिक गोकुलानंद जोशी, आंनद बल्लभ जोशी, सुरेश चंद्र शर्मा, अशोक भट्ट, दिग्विजय पांडेय, उमेश मिश्रा, छविकिशोर जोशी, पूर्व सैनिक रवींद्र सिंह चुफाल, पूर्व सैनिक पूरन सिंह नेगी, शेखर जोशी, प्रमोद सिंह राजपूत, पंकज रिखाड़ी, पवन फुलारा, योगेश भोज, जोशी आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।


