महाराष्ट्र
राज ठाकरे : मराठी मानुष को भड़काओ मत, राज ठाकरे की राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को चेतावनी, गवर्नर ने दी सफाई
हाइलाइट्स
1.राज ठाकरे ने कहामराठी मानुष को भड़काओ मत
2.राज ठाकरे की राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को चेतावनी
3.राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दी सफाई
4.उन्होंने कहा कि मराठी व्यक्ति की मेहनत ने महाराष्ट्र के निर्माण में सबसे अधिक योगदान
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) अपने एक विवादित बयान की वजह से मुश्किलों में फंसते हुए नजर आ रहे हैं। उनके बयान की चौतरफा निंदा हो रही है। शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी, एकनाथ शिंदे गुट से लेकर हर कोई गवर्नर पर निशाना साध रहा है। अब इस फेहरिस्त में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे भी शामिल हो चुके हैं। राज ठाकरे ने ट्वीट कर लिखा है कि मराठी मानुष को उकसाओ मत। उन्होंने लिखा है कि अगर आपको इतिहास की जानकारी ना हो, तो मत बोलें।
अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दी सफाई
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सफाई
राज के ट्वीट में क्या?
राज ठाकरे ने अपने ट्वीट में महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि अगर आपको इतिहास की जानकारी ना हो, तो मत बोलें। राज्यपाल एक प्रतिष्ठा और सम्मान का पद है। इसलिए आप के खिलाफ बोलने से लोग बचते हैं लेकिन आपके बयानों से महाराष्ट्र की जनता की भावनाएं आहत होती हैं। महाराष्ट्र में मराठी मानुष ने अपना दिल और जमीन ठीक से रखी है। तभी तो दूसरे राज्यों के लोग यहां व्यवसाय करने आये और आ रहे हैं ना? दूसरी जगह ऐसा वातावरण मिलेगा क्या? सिर्फ चुनाव आने की वजह से किसी के कहने पर कुछ भी बोलकर माहौल न बिगाड़ें। हम कोई दूध पीते बच्चे नहीं हैं जो आप कुछ भी बोलो और हम समझ न पाएं। मराठी मानुष को उकसाओ मत, फिलहाल यही आपको बोल रहे हैं।
क्या बोले थे राज्यपाल?
दरअसल राज्यपाल महोदय एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर बोल रहे थे। उसी समय उन्होंने कहा कि अगर मुंबई और ठाणे शहर से गुजराती और राजस्थानी समाज के लोगों को निकाल दिया जाए तो फिर यहां कुछ नहीं बचेगा। देश की आर्थिक राजधानी होने का तमगा भी मुंबई से छिन जाएगा। इस बयान के बाद राज्यपाल महाराष्ट्र की सियासी पार्टियों के निशाने पर आ चुके हैं।
राज्यपाल ने दी सफाई
बढ़ते विवाद को देखकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने बयान पर सफाई पेश की है। उन्होंने कहा कि मराठी व्यक्ति की मेहनत ने महाराष्ट्र के निर्माण में सबसे अधिक योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि मुंबई, महाराष्ट्र का स्वाभिमान है। यह देश की आर्थिक राजधानी भी है। मुझे गर्व है कि मुझे छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठी जनता की इस धरती पर राज्यपाल के रूप में सेवा का अवसर मिला है।
इस वजह से मैंने बहुत से बहुत ही कम समय में मराठी भाषा सीखने की कोशिश भी की है। कल राजस्थानी समाज के कार्यक्रम में मैंने जो बयान दिया था। उसमें मेरा मराठी आदमी को कम आंकने का कोई इरादा नहीं था। मैंने केवल गुजराती और राजस्थानी मंडलों द्वारा पेशे में किए गए योगदान पर बात की थी।

