उत्तराखण्ड
उत्तराखंड को पोषित करता देवभूमि का ‘कमल’ यानि पुष्कर
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- पुष्कर नाम और राज्य के जन्मदिवस का भी अद्भुद संयोग
- पुष्कर नाम की आंतरिक स्वप्न संख्या 9, अर्थ पालन करने वाला
मनोज लोहनी
यह अजब संयोग है उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम, उनके व्यक्तित्व, उनके मन और कुछ कर गुजरने की बातों का। इस लिहाज से सही मायनों में अपने नाम के अनरूप उसे सार्थक करने की तरफ ही हैं पुष्कर सिंह धामी। पुष्कर का अर्थ है कमल की तरह, पोषण देने वाला, पुष्कर नाम का अर्थ आकाश और सूर्य से भी है। यानि जिसकी कीर्ति उसके काम के आधार पर आकाश में सूर्य की तरह फै लेगी। ऐसा इसलिए भी हो रहा है क्योंकि पुष्कर नाम की व्यक्त्वि संख्या भी 9 है, उत्तराखंड राज्य का जन्मदिवस! संयोग से पुष्कर नाम की आंतरिक स्वप्न संख्या भी 9 है। यानि काम करने की वह इच्छा शक्ति जिससे 9 नवंबर को जन्मा यह राज्य विकास के मापदंडों पर आकाश की ऊंचाइयों को छुए और सूर्य की तरह विश्व में उसकी चमक फैले। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुष्कर नाम के व्यक्ति जो मूल प्रवृत्ति है जो ठान लिया उसे करके ही दम लेना।
इस वक्त इन बातों का संदर्भ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विदेश दौरे और उसकी सफलता को लेकर है। सफलता इन मायनों में कि दिसंबर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट है और उसकी तैयारियां अभी से हो चुकी हैं। राज्य में बाहरी निवेश जो भी आएगा दिसंबर की समिट में वह सामने होगा, मगर उसकी तैयारियों के बीच ही मुख्यमंत्री ने राज्य से बाहर जो विदेशी निवेश में शुरुआती सफलता हासिल की है उससे साफ है कि राज्य की कीर्ति देश की भौगोलिक सीमाओं से बार निकल उस देश तक पहुंची है जहां से उत्तराखंड के लिए हजारों करोड़ रुपयों का निवेश आ रहा है। समिट से पहले यह सब कुछ घटित होने से इतना तय है कि निवेश के इन शुरुआती रुझानों से अन्य विदेशी और देशी निवेशकों में जो बात गई है उसका मतलब साफ है, राज्य में निवेश के लिए विदेशी कंपनियां सामने आ रही हैं तो हम क्यों नहीं?
समिट से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विदेशी निवेश के लिए ब्रिटेन दौरे से जो प्लेटफार्म तैयार किया है जाहिर है उस पर अब बड़े-बड़े निवेशक अपनी कंपनियां लॉन्च करेंगे और देवभूमि में रोजगार के बड़े अवसरों के दरवाजे खुलेंगे। धामी का विदेश दौरा एक तरह से गणेश पूजन जैसा ही था जिसमें उन्होंने निवेश की ऐसी आधारशिल रखी है जो अन्य निवेशकों के लिए उत्साह का विषय बनेगी ऐसा निश्चित है। जाहिर है ब्रिटेन की तमाम कंपनियों ने अगर उत्तराखंड में हजारों करोड़ रुपयों के निवेश के करार किए हैं तो उन्हें साफ मालूम है कि राज्य सरकार उन्हें क्या आधारभूत सुविधाएं देने जा रही है। उनके उद्योगों को फलने-फूलने के लिए यहां उन्हें कैसी सुविधाएं मिलने जा रही हैं। इन सब बातों का अध्ययन करने के बाद ही कंपनियों ने इतने बड़े निवेश का फैसला लिया होगा। यही बात अन्य कंपनियों के एक नजीर बनने जा रही है, ऐसा तय है।
अन्य कंपनियों इस बात को अब अच्छी तरह से समझ सकेंगी कि उत्तराखंड राज्य में निवेश की पूरी संभावनाएं हैं क्योंकि ऐसा अब हो चुका है। एक युवा मुख्यमंत्री की यह दूरदर्शिता ही है कही जाएगी कि उन्होंने ग्लोबल समिट से पहले ही इतने बड़े निवेशक राज्य में लाकर आगामी निवेश के लिए मील का पत्थर रख दिया है। यही दूरदर्शिता है कि यहां आने से पहले तमाम निवेशकों को यह भान जरूर हो गया होगा कि निवेश के लिए उत्तराखंड शानदार राज्य है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निवेश से पहले यहां निवेशकों के लिए ऐसी पिच तैयार की है जिस पर खेलना उनके लिए अब आसान होगा। अपने विदेश दौरे में इतनी बड़ी सफलता हासिल कर न केवल निवेश सामने आया बल्कि उसने आने वाले निवेशकों के लिए उत्तराखंड के द्वार खोल दिए हैं।
ऐसे में पुष्कर सिंह धामी नाम की चर्चा, उसका अर्थ और उस पत बातें होना स्वाभाविक है। वैसे भी ग्लोबल समिट से पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता की पहल कर उस ओर ठोस कदम बढ़ाकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्लोबल लीडर बनने की तरफ पहले ही कदम बढ़ा दिए हैं। राज्य की सीमाओं से बाहर उनके कार्यों की तारीफ उनके काम से ही हो रही है। भारत के छोटे से राज्य का राज्य और देश की सीमाओं से बाहर जाकर ऐसा काम देश-विदेश में उत्तराखंड को नाम दिलाएगा, यह साफ ही है। नई दिल्ली में शुक्रवार को विदेशी दौरे से वापसी के बाद जिस तरह से उनका स्वागत हुआ उससे साफ था कि वह उत्तराखंड की शानदार कीर्ति पताका ब्रिटेन में फहराकर आए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को आगामी ग्लोबल इन्वेसटर्स समिट की अग्रिम शुभकामनाएं…।


