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गज़ब: शराब की पुरानी दुकानों से पैदा हो रहीं नई जुड़वा दुकानें …राजस्व बढ़ाने का उधम सिंह नगर आबकारी का यह सुरूर चर्चा में
रुद्रपुर। उधम सिंह नगर जिले में शराब की दुकान अब दुधारू होने लगी हैं। फॉर्मूला गजब है। मुद्दा यह है कि दुकान से उसकी जुड़वा दुकान पैदा हो रही है। नई पैदा हुई दुकान को पुरानी दुकान के आसपास ही कहीं खपाया जा रहा है और उसके साथ ही पुरानी दुकान को मिला हुआ सामान भी। पुरानी दुकानों को न जाने यह कैसी खुराक मिली कि उनसे नई दुकान पैदा होने लगी हैं। हर पुरानी दुकान से एक के बाद एक नई दुकानों का जन्म हो रहा है और उन्हें नई जगह पर बाकायदा स्थापित किया जा रहा है। सरकार के लिए राजस्व बढ़ाने का उधम सिंह नगर आबकारी विभाग का यह सुरूर चर्चा में है।
जिले में राजस्व में इजाफे के लिए शराब की दुकानों की उपदुकानें खोली जा रही हैं। तर्क है कि इन दुकानों के खुलने से राजस्व मिलेगा, वहीं शराब ठेकेदारों को निर्धारित शराब का कोटा खपाने में मदद होगी। आबकारी विभाग ने शराब की 64 दुकानों की उपदुकानें खोलने की अनुमति ले ली है और 30 उपदुकानों का संचालन भी शुरू हो गया है। इन दुकानों से लाइसेंस फीस के रूप में आबकारी विभाग को 74 लाख 86 हजार का राजस्व मिल चुका है।
जिले में अंग्रेजी और देसी शराब की 67-67 दुकानें हैं। आबकारी विभाग ने बड़ी आबादी के दायरे में स्थित शराब की 64 दुकानों को चिह्नित किया था। इनमें अंग्रेजी की 38 और देसी शराब की 26 दुकानें शामिल हैं। इन दुकानों की उपदुकानें खोलने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव में उपदुकानों में शराब की बिक्री होने और इन दुकानों से दोगुनी लाइसेंस फीस से राजस्व मिलने का हवाला दिया गया था। प्रस्ताव को शासन से मंजूरी मिलने के बाद आबकारी विभाग ने उपदुकानें खोलने की कार्रवाई शुरू कर दी है।आवंटित दुकान की तुलना में उप दुकान के लिए अनुज्ञापियों से दोगुनी लाइसेंस फीस लेकर 17 अंग्रेजी और 13 देसी शराब की दुकानें खोली जा चुकी हैं। अंग्रेजी दुकानों से 52 लाख 10 हजार और देशी शराब की उपदुकानों से 22 लाख 76 हजार रुपये लाइसेंस फीस के रूप में विभाग को मिल चुका है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार संबंधित अनुज्ञापियों के लिए यह अनिवार्य नहीं है। चिह्नित दुकानों के जो अनुज्ञापी उप दुकान खोलना चाहते हैं, वे आवेदन के साथ ही तय शुल्क जमा कराएंगे। जिले में उपदुकानें खोलने की कार्रवाई गतिमान है।आबादी में खुल रही उपदुकानों का विरोधरुद्रपुर। आबकारी विभाग ने राजस्व बढ़ाने और ठेकेदारों की सहूलियत के लिए उपदुकान खोलने का निर्णय लिया है लेकिन आबादी में खोली जा रही उपदुकानों का विरोध भी हो रहा है।
रुद्रपुर में संजयनगर खेड़ा और किरतपुर मोड़ पर उपदुकान खोलने के विरोध में लोगों ने प्रदर्शन किया था। इसके अलावा सिंह कालोनी में दुकान खोलने की आहत पर लोगों के एकजुट होने पर मकान मालिक ने शराब के लिए दुकान देने से हाथ खड़े कर दिए थे। इसके बाद इसे कहीं दूसरी जगह ले जाना पड़ा। इसके अलावा जिले में अन्य जगहों पर भी विरोध के स्वर सामने आए हैं।
यहां खुली अंग्रेजी शराब की उपदुकान
किच्छा का दरऊ चौक, तेल मिल भूरारानी, कालीनगर, किच्छा बाईपास रोड रुद्रपुर, सकैनिया, बगुलिया मेलाघाट रोड, मनिहार खेड़ा रोड़, दियूरी, बिगवाड़ा, फुलसुंगा, काशीपुर में महाराणा प्रताप चौक के पास, अलीगंज बस अड्डा, मालधन रोड़, बाजपुर दौराहा रोड़, बिज्टी- कौंधाअशरफ, शांति विहार बंगाली काॅलोनी निकट भूरारानी रोड, नगला रोड।देसी शराब की उपदुकानेंगंगापुर रोड निकट दक्ष चौराहा, गुलरभोज रोड़, बरा, तेल मिल भूरारानी रोड, बिगवाड़ा, 17 मिल रोड, निकट गुलरगोजी रोड, खड़कपुर रोड़, ढकिया गुलाबो बघेलेवाला रोड, सिरौली कला, निकट अनन्या होटल काशीपुर, खेडा, रामपुर रोड रुद्रपुर।
जिला आबकारी अधिकारी अशोक मिश्रा ने बताया कि शराब की जिन दुकानों में बिक्री की संभावनाएं ज्यादा थी, उन्हें चिह्नित कर उपदुकानें खोलने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। जो डीएम के माध्यम से शासन को भेजा गया। इसकी मंजूरी मिलने पर उपदुकानें खोली जा रही हैं। इससे राजस्व बढ़ रहा है, वहीं ठेकेदारों को कोटे के लिए एक और काउंटर मिल रहा है। उनके लिए भी सहूलियत हो रही है। इससे अवैध रूप से होने वाली शराब की बिक्री पर भी अंकुश लगेगा। खबर स्रोत: अमर उजाला।