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रुड़की के एमएस कोचिंग सेंटर में पढ़ाई तो बस दिखावा मात्र है। असल धंधा तो यहां पेपर लीक कराकर लाखों रुपये कमाने का है। एसटीएफ की टीम भी कई दिन से एमएस कोचिंग सेंटर पर पूरी निगरानी किए हुए थी।

उत्तराखण्ड

पेपर लीक कराने में पहले से ही बदनाम रहा एमएस कोचिंग सेंटर, एसटीएफ के हत्थे चढ़ा संचालक

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रुड़की: रुड़की के एमएस कोचिंग सेंटर में पढ़ाई तो बस दिखावा मात्र है। असल धंधा तो यहां पेपर लीक कराकर लाखों रुपये कमाने का है। एसटीएफ की टीम भी कई दिन से एमएस कोचिंग सेंटर पर पूरी निगरानी किए हुए थी। जरा सी चूक हो जाती तो आरोपी संचालक मुकेश सैनी फिर से अपने मंसूबे में कामयाब हो जाता।

दस साल से कोचिंग चला रहा आरोपी 2016 में पहली बार पकड़ में आया था। इसके बाद 2019 में वीडीओ की परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप में जेल जा चुका है। अब तीसरी बार उसकी गिरफ्तारी हुई है। शहर के मालवीय चौक पर स्थित एमएस कोचिंग सेंटर 2012 में खुला था। तब यहां पर नाममात्र के ही छात्र कोचिंग लेने आते थे। 

तीन-चार साल तक जब यही हालत रही तो कोचिंग संचालक मुकेश सैनी निवासी हरचंदपुर थाना मंगलौर ने जुर्म की राह पकड़ ली। प्रतियोगी परीक्षा का पेपर लीक करा सरकारी नौकरी दिलाने का भरोसा देकर वह दो से पांच लाख रुपये की वसूली करता था। इसकी कारगुजारी उस समय सामने आई जब एसटीएफ ने महिला पुलिस आरक्षी की परीक्षा लीक कराने के मामले में आरोपी को 10 जुलाई 2016 को पकड़ा था। 

इस दौरान रुड़की से लेकर कोटद्वार तक इस जालसाज के कई साथी पकड़ में आए थे। इसके बाद तो पूरे प्रदेश में इस कोचिंग सेंटर का नाम प्रकाश में आया। आरोपी जेल गया, लेकिन उसके कुछ दोस्त सेंटर को चलाते रहे। इसके बाद आरोपी की जमानत हुई तो उसने फिर से पेपर लीक कराकर नौकरी बेचने का काम शुरू कर दिया। 

2018 में इसने वन आरक्षी का पेपर लीक करा दिया। इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया। हर बार की तरह फिर से वह जमानत पर बाहर आ गया। अब फिर से उसने अपने साथी रचित पुंडीर के साथ मिलकर वन आरक्षी की परीक्षा लीक कराने का तानाबाना बुना। यदि एसटीएफ जरा सी चूक कर देती तो शायद आरोपी अपने मंसूबे में कामयाब हो जाता। 

तीन जगह चल रही एमएस की ब्रांच रुड़की

आरोपी ने वर्ष 2012 में रुड़की में एमएस कोचिंग की शुरुआत की। इसके बाद उसने नारसन और लक्सर में भी इस कोचिंग सेंटर की शाखा को खोल दिया। रुड़की के मालवीय चौक स्थित सेंटर पर वर्तमान में करीब डेढ़ सौ युवा वन आरक्षी की परीक्षा की कोचिंग आरोपी के यहां से ले रहे थे। इसी तरह से नारसन एवं लक्सर में करीब 50 अभ्यर्थी कोचिंग ले रहे थे। आरोपी ने रुड़की में आठ और बाकी स्थानों पर दो से तीन टीचर भी रखे हुए हैं। 

बदनाम मुकेश को सेना ने भी निकाला था नौकरी से रुड़की

एमएस कोचिंग सेंटर का संचालक मुकेश सैनी पहले भारतीय सेना में आरमोरर के पद पर था। इस पर एक पिस्टल गायब करने का आरोप लगा था। जिसके बाद उसे सेना से निकाल दिया गया था। इसके बाद आरोपी ने कोचिंग के नाम पर पेपर लीक कराने का धंधा चुना और कुछ ही समय वह अकूत संपत्ति का मालिक बन बैठा था।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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