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जानें, आंख फड़कने का धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
हिंदू धर्म में ऐसी बहुत सी प्राचीन मान्यताएं हैं, जिन्हें कुछ लोग अंधविश्वास मानते हैं तो कुछ लोग उस पर पूरी श्रद्धा के साथ विश्वास भी करते हैं. इन सभी मान्यताओं को सामुद्रिक शास्त्र में विस्तार से बताया गया है. इन्हीं मान्यताओं में से एक है आंख का फड़कना. आंख के फड़कने को लेकर इसे शगुन अपशगुन से जोड़कर देखने लगते हैं, लेकिन इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण होते हैं.
इस बारे में हमें बता रहे हैं ज्योतिष व पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा. आइए, जानते हैं कि आंख के फड़कने को लेकर क्या कहता है सामुद्रिक शास्त्र.
आंख फड़कने का कारण
-सामुद्रिक शास्त्र वह है जिसमें हमारे चेहरे और पूरे शरीर के अलग-अलग अंगों की क्रियाविधि का अध्ययन किया जाता है. सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार महिलाओं और पुरुषों में आंख के फड़कने का अर्थ अलग-अलग होता है. महिलाओं की बाईं आंख और पुरुषों की दाईं आंख का फड़कना शुभ माना गया है.
-सीधी आंख का फड़कना
सामुद्रिक शास्त्र में बताया गया है कि यदि किसी पुरुष की सीधी आंख फड़कती है तो यह उसके लिए एक शुभ संकेत होता है और ऐसा माना जाता है कि ऐसा होने से उस व्यक्ति की सारी इच्छाएं भी पूरी हो सकती हैं. सीधी आंख का फड़कना व्यक्ति की पदोन्नति और धन लाभ की तरफ भी इशारा हो सकता है. इसके विपरीत यदि किसी महिला की सीधी आंख फड़कती है तो यह उसके लिए एक अशुभ संकेत माना जाता है. ऐसा मानते हैं कि महिला के द्वारा किए गए काम या किए जाने वाले काम बिगड़ सकते हैं.
-उल्टी आंख का फड़कना
सामुद्रिक शास्त्र में बताया गया है कि यदि किसी महिला की बाईं आंख फड़कती है तो यह उस महिला के लिए शुभ संकेत होता है. ऐसा कहा गया है कि उल्टी आंख फड़कने से महिलाओं को आने वाले दिनों में सोने-चांदी के गहने मिलने की उम्मीद रहती है. इसी के साथ यदि किसी पुरुष की उल्टी आंख फड़कती है तो उस व्यक्ति को नुकसान होने की आशंका होती है.
-क्या कहता है विज्ञान
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आंख का फड़कना मांसपेशियों में परेशानी की वजह से होता है. कहा जाता है कि यदि व्यक्ति की नींद पूरी ना हो, दिमाग में कुछ टेंशन हो, अधिक थकान हो या फिर अधिक समय तक लैपटॉप-कंप्यूटर पर काम किया हो तो भी आंखों के फड़कने की परेशानी होती है.