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मिट्टी तेल का खेल: आईटीबीपी मिर्थी पिथौरागढ़ के तत्कालीन दो कमांडेंट, तीन डिप्टी कमांडेंट समेत इन छह अधिकारियों और इस ठेकेदार के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

देहरादून। पिथौरागढ़ में आईटीबीपी की सातवीं बटालियन मिर्थी में पौने दो करोड़ रुपये का जो घोटाला सामने आया है उसके पीछे मिट्टी तेल का खेल है। सीबीआई ने छह अधिकारियों समेत ठेकेदारों पर मुकदमे दर्ज किए हैं जिन्होंने माल की ढुलाई के नाम पर ठेकेदार के साथ मिलकर इतना बड़ा खेल कर दिया।
सीबीआई के अनुसार, पहले मामले में 2017 से 2019 के बीच मिर्थी में तैनात रहें कमांडेंट महेंद्र प्रताप, डिप्टी कमांडेंट दीपक गोगोई, डिप्टी कमांडेंट मुकेश चंद मीणा, ठेकेदार मदन सिंह राणा, पूरन सिंह और कुंदन सिंह भंडारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोप है कि कमांडेंट महेंद्र प्रताप व अन्य अधिकारियों ने इन ठेकेदारों के साथ मिलकर आठ हजार लीटर केरोसिन की विभिन्न बॉर्डर पोस्ट पर ढुलाई दर्शायी है। इसके लिए उन्होंने खच्चरों और प्राइवेट वाहनों के स्थान पर यह दुलाई पोर्टर (ढुलाई करने वाले) के माध्यम से दर्शायी है। कुल 22.07 लाख का घोटाला ठेकेदारों संग मिलकर किया। इनमें ठेकेदार मदन सिंह राणा धारचूला (पिथौरागढ़) के गांव तंकुल, जबकि पूरन सिंह और कुंदर सिंह भंडारी बंगबंग गांव के रहने वाले हैं।
तत्कालीन कमांडेंट महेंद्र प्रताप इस वक़्त 29वीं बटालियन आईटीबीपी जबलपुर, मध्य प्रदेश में तैनात हैं और वह मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा के रहने वाले हैं। तत्कालीन डिप्टी कमांडेंट दीपक गोगोई 50वीं बटालियन पंचकूला, हरियाणा में तैनात हैं और असम के रहने वाले हैं। जबकि, मुकेश चंद्र मीणा वर्तमान में मल्टिपर्पज सब डिपो आईटीबीपी गुवाहाटी में तैनात हैं और राजस्थान के करौली के निवासी हैं।
दूसरा मुकदमा 2020 से 2021 के बीच मिर्थी में कमांडेंट रहे अनुप्रीत टी बोरकर, डिप्टी कामांडेंट दीपक गोगोई, डिप्टी कमांडेंट पूरन राम, डिप्टी कमांडेंट मुकेश चंद मीणा और इंस्पेक्टर अनिल कुमार पांडेय के खिलाफ हुआ है। आरोप है कि इन्होंने ठेकेदार मदन सिंह राणा के साथ मिलकर विभिन्न सामग्री की ढुलाई में हेराफेरी कर 1.54 करोड़ रुपये का घोटाला किया है।


