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उत्तराखण्ड

रानीखेत में गुलदार के आतंक से लोग ख़ौफ़ज़दा, शासन प्रशासन मौन, कर रहा बड़ी अनहोनी का इंतज़ार

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रानीखेत (सतीश जोशी): पर्यटक नगरी के रिहायशी इलाक़ों में पिछले एक माह से गुलदार की दहशत से जहां एक ओर स्थानीय लोग ख़ौफ़ज़दा हैं वहीं दूसरी ओर शासन एवं वन विभाग प्रशासन मौन रहकर किसी बड़ी जनहानि के इंतज़ार में दिखाई देता है। यहाँ तक कि बार बार स्थानीय जनता द्वारा गुलदार को पकड़ने के लिए नगर क्षेत्र में पिंजड़ा लगाने की गुहार के बाद भी शासन के लोग एवं जन प्रतिनिधि कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं।

गुरुवार सुबह चार बजकर चालीस मिनट पर गुलदार घात लगाकर नगर के आबादी वाले शर्मा कमाउंड की गैलरी में सोये पालतू कुत्ते को घसीटकर ले गया। और कुछ दूरी पर जाकर उसको अपना निवाला बना लिया। यही नहीं आए दिन नगर के रिहायशी इलाक़ों कालू सैयद मज़ार के पास, पुरानी आबकारी, ज़रूरी बाज़ार, बूचड़ी एवं सदर बाज़ार में गुलदार का कई बार लोगों को दिखाई देना एवं कैमरे के माध्यम से भी गुलदार की सक्रियता की जानकारी मिलना नागरिकों में दहशत पैदा कर रहा है। जंगल छोड़ नगर के आबादी वाले इलाक़ों में गुलदार की बढ़ती धमक एवं निरंतर हमलों से लोगों ने शाम होते ही घरों से बाहर निकलना तक बंद कर दिया है। पिछले एक माह में गुलदार चार कुत्तों सहित कई मवेशियों पर हमला कर अपना निवाला बना चुका है।

एक के बाद एक दिन दहाड़े हो रहे गुलदार के हमलों की शिकायत नगर के लोगों ने स्थानीय प्रशासन से भी कई बार की। लेकिन बार बार सूचित करने के बावजूद भी अभी तक नगर में गुलदार को पकड़ने के लिए एक भी पिंजड़ा ना लगवा पाना स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली एवं लोगों की सुरक्षा के प्रति इनकी ज़िम्मेदारी पर भी प्रशंचिह्न लगाता है। वन विभाग बार बार घटना होने पर बड़े अधिकारियों से अनुमति का रोना रोकर मामले से पल्ला झाड़ लेता है।

स्थानीय लोगों ने अब अतिशीघ्र पिंजड़ा ना लगवाने की दशा में आंदोलन करने का मन बना लिया है। यह बात बड़ी सोचनीय है कि इतने संवेदनशील मामले में गुलदार की सक्रियता एवं आक्रमण के प्रमाण होने के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन एवं वन विभाग लापरवाह बन पिछले दिनों भीमताल में हुई बड़ी घटना की तरह किसी अनहोनी के इंतज़ार में दिखाई देता प्रतीत होता है। स्थानीय नागरिकों ने संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल से एक बार फिर मुलाक़ात कर घटनाक्रम से अवगत कराया और गुलदार के आंतक से‌ निजात‌ दिलाने का अनुरोध किया है। संयुक्त मजिस्ट्रेट ने भी एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई का आश्वासन दिया। अब देखना ये होगा कि इस मामले को संवेदनशील मानते हुए कब तक नगर के इन विभिन्न क्षेत्रों में पिंजड़ा लगवाकर लोगों को इस भय से राहत पहुँचाई जाती है।

वहीं इस मामले में वन क्षेत्राधिकारी तापस मिश्रा का कहना है कि वन विभाग के संज्ञान में रानीखेत नगर के विभिन्न रिहायशी इलाक़ों में गुलदार की सक्रियता एवं हमले का मामला प्रकाश में आया है।जिस पर उनके द्वारा तत्काल वन विभाग की एक टीम गठित कर दी गई है। टीम गुलदार की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। संभावित क्षेत्रों में ट्रैप कैमरे लगाने की कार्रवाई भी जल्द की जाएगी। उन्होंने नागरिकों से भी सावधानी बरतने की अपील की है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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