उत्तराखण्ड
पिथौरागढ़ बेस अस्पताल को लेकर हाईकोर्ट सख्त, पद सृजित नहीं होंगे तो प्रमुख सचिव को कोर्ट में होना होगा पेश
नैनीताल हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ में बेस अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट को हैंडओवर करने के बावजूद अभी तक उसका संचालन शुरू नहीं किए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने बेस अस्पताल में चिकित्सकाें के पद सृजित कर उसकी रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि पद सृजित नहीं करते है तो प्रिंसीपल सेक्रेटी को अगली तिथि पर कोर्ट में पेश होना होगा।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।विज्ञापनमामले के अनुसार पिथौरागढ़ निवासी डा. राजेश पांडे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि पिथौरागढ़ में बेस अस्पताल का सत्तर करोड़ की लागत के बाद 2022 में अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और बेस अस्पताल को हेल्थ डिपार्टमेंट को हस्तांतरित कर दिया गया है लेकिन उसके बाद भी बेस अस्पताल में ना तो काई चिकित्सक के पद सृजित किए गए है और ना ही इसका संचालन ही किया जा रहा है।पिथौरागढ़ में जो सरकारी अस्पताल है उसके मरीज को इलाज के लिए हल्द्वानी या अन्य चिकित्सालयों में भेजा जाता है। याचिका में कहा कि इस संबंध में कई बार सीएमओ को भी प्रत्यावेदन दिया गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बेस अस्पताल में चिकित्सकाें के पद सृजित कर उसकी रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि पद सृजित नहीं करते है तो प्रिंसीपल सेक्रेटी को अगली तिथि पर कोर्ट में पेश होना होगा।

