Connect with us

अंतरराष्ट्रीय

रचा इतिहास : चन्द्रयान 3 का सफल प्रक्षेपण

खबर शेयर करें -

चंद्रयान 3 का भारत ने सफल prakshepan कर दिया है। श्री हरिकोटा के सतीश धवन केंद्र से यान चाँद की यात्रा पर दोपहर रवाना हो गया है.। 15 मिनट के महत्वपूर्ण समय के बाद यान से orbit अलग होकर चाँद की तरफ रवाना हो गया।

प्रक्षेपण के साथ ही भारत अब अतंरिक्ष में नयी कामयाबी की ओर बढ़ गया है क्योंकि भारत से पहले केवल चार देश यह कारनामा कर चुके हैँ। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी इस वक़्त मौजूद थे। अंतरिक्ष में यह परचम है भारत का। इसरो प्रमुख एम सोमनाथ ने सफल प्रक्षेपन की घोषणा की।

मिशन चंद्रयान-2 की अगली कड़ी है, क्योंकि पिछला मिशन सफलता पूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद अंतिम समय में मार्गदर्शन सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण सॉफ्ट लैंडिंग के प्रयास में विफल हो गया था, सॉफ्ट लैन्डिंग का पुनः सफल प्रयास करने हेतु इस नए चंद्र मिशन को प्रस्तावित किया गया था। [5]चंद्रयान-3 का लॉन्च सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई, 2023 शुक्रवार को भारतीय समय अनुसार दोपहर 2:35 बजे निर्धारित किया गया था और तय समय पर यान रवाना हो गया।

यह भी पढ़ें 👉  अज्ञात उड़न तश्तरियों के मायाजाल से NASA हैरान, क्या इन्हें धरती पर भेजते हैं एलियन; वैज्ञानिकों का दिमाग भी बना घनचक्कर

चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की काबिलियत प्रदर्शित करने के लिए चंद्रयान कार्यक्रम के दूसरे चरण में, इसरो ने एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर से युक्त लॉन्च वाहन मार्क -3 (एलवीएम 3) नामक लॉन्च वाहन पर चंद्रयान-2 लॉन्च किया। प्रज्ञान रोवर को तैनात करने के लिए लैंडर को सितंबर, 2019 को चंद्र सतह पर टचडाउन करना था।

इससे पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक मिशन पर जापान के साथ सहयोग के बारे में रिपोर्टें सामने आई थीं, जहां भारत लैंडर प्रदान करता जबकि जापान लॉन्चर और रोवर दोनों प्रदान करने वाला था। मिशन में साइट सैंपलिंग और चांद पर रात के समय सर्वाइव करने की टेक्नोलॉजी शामिल करने की भी संभावनाएं थीं।

यह भी पढ़ें 👉  ब्रेकिंग : क्रिकेट एशिया कप फाइनल में लंका 50 रन में ढेर

]विक्रम लैंडर की बाद की विफलता के कारण 2025 के लिए जापान के साथ साझेदारी में प्रस्तावित चंद्र ध्रुवीय खोजबीन मिशन (LUPEX) के लिए आवश्यक लैंडिंग क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक और मिशन (चंद्रयान-3) करने का प्रस्ताव दिया गया। मिशन के महत्वपूर्ण फ्लाइट ऑपरेशन के दौरान, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) द्वारा संचालित यूरोपीय अंतरिक्ष ट्रैकिंग (एस्ट्रैक) एक अनुबंध के अंतर्गत इस मिशन को सपोर्ट प्रदान करेगी।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

More in अंतरराष्ट्रीय

Trending News

Follow Facebook Page

You cannot copy content of this page