उत्तराखण्ड
hello guys sorry………सौरव जोशी के वाहियात लहज़े ने और बढ़ाया गुस्सा……इस वरिष्ठ पत्रकार ने कहा तमीज़ सीखो
ऐसा नहीं लगता कि माफी मांगने के बाद भी यूट्यूबर सौरव जोशी के खिलाफ लोगों का गुस्सा कम होगा। क्योंकि जिस लहजे में सौरव जोशी ने अपने वीडियो में चलते-चलते मात्र ‘सौरी’ बोला है उससे उनकी नादानी का अंदाजा लगाया जा सकता है। बेशक उन्होने ‘हल्द्वानी और उत्तराखण्ड को उनकी वजह से पहचान मिली है, लोग उनके ब्लॉग की वजह से हल्द्वानी और उत्तराखण्ड को पहचान रहे हैं’ वाली बात भी नादानी में कही हो लेकिन जिस तरह का बवाल उसे लेकर खड़ा हुआ है उससे लगता नहीं कि सौरव में कोई अक्ल आई हो या फिर उसे अहसास हुआ हो कि उसकी बातों से कितने लोग आहत् हुए हैं।
बहरहाल आज गुरुवार को सौरव जोशी ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक कॉमर्शिल वीडियो पोस्ट किया और उस वीडियो के अंत में गाड़ी में बैठकर बड़ी बेफिक्री के साथ कहा कि ‘गाइज़ कुछ मिस अंडसटैंडिंग हुई है, मैंने कहा था कि मैं उत्तराखण्ड को रिप्रसेंट कर रहा हूं, अगर किसी को मेरी बात बुरी लगी हो तो सौरी’, सौरव ने इतने बड़े बखेड़े को गाइज़ और सौरी संबोधन कहकर टालने की कोशिश की है। लेकिन सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया और उनका यह माफी वाला रवैया भी लोगों को रास नहीं आ रहा है। महान पर्यावरण सुंदर लाल बहुगुणा के बेटे दिग्गज पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा ने अपनी ताज़ा फेसबुक पोस्ट में एक बार फिर से सौरव की बखिया उधेड़कर रख दी है।
वो लिखते हैंः-
’ माफ़ी मांगने में विनम्रता लाओ. क्षमा याचना और प्रायश्चित का वास्तविक भाव हो.
’ ये फालतू लफण्डरबाज़ी छोड़ कर पढ़ने में मन लगाओ.
तुम्हारी भाषा से प्रतीत होता है कि पढ़ाई में कमज़ोर हो. स्वाध्याय कतई नहीं करते.
’ ये रील फील, यू ट्यूब वगैरह सब हल्का पन है. इन्हे कोई भी गंभीर तथा विचारवान पुरुष नहीं देखता.
इन्हे बनाने और देखने वाले एक जैसे वाहियात हैं.
’ अपना उच्चारण सुधारो. हर तोतला आदमी अशोक गहलोतऔर मुलायम सिंह की तरह भाग्यशाली नहीं होता.
फिर इनके पीछे इनका कड़ा संघर्ष है.
’तुम उत्तराखण्ड को रिप्रेजेंट नहीं करते, बल्कि नरेंद्र सिंह नेगी या बचेंद्री पाल इत्यादि करते हैं. उत्तराखंडी स्वाभिमानी, प्रतिभावान, बुद्धिमान और मेहनती और ईमानदार हैं. तुम्हारे जैसे छिछोरे नहीं.
’ उत्तराखण्ड वासी कोई गाय बैल नहीं, बल्कि तुम्हारे दाज्यू, भैजी , चाचा, ताऊ हैं. उन्हें गाइज़ फाइज़ बोलना बंद करो.
’ यही बात गाड़ी में चलते हुए कहने की बजाय घर में बैठ कर भी कह सकते थे.
सोचो, कि यदि तुम उत्तरप्रदेश या बिहार में होते, और ऐसी बकवास करते, तो तुम्हारी क्या गत होती?
’ स्वास्थ्य, स्वाध्याय तथा आत्म चिंतन पर ध्यान दो.
बालक होने की वजह से तुम्हें माफ़ किया जाता है. आइंदा ऐसी गलती न हो.