Connect with us

अल्मोड़ा

अपनों से खफा हरदा का फिर छलका दर्द…पार्टी के लोगों का सार्वजनिक रूप से मुझ पर ही हमलावर होना…अपनों से नाराज अपनों को क्या दी उलाहना

खबर शेयर करें -

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत का एक चैनल में कथित तौर पर एडिट पोस्ट इंटरव्यू को लेकर नाराजगी में अपनों को ही उलाहना दी गई है। श्री रावत ने लम्बी चौढ़ी पोस्ट में जो लिखा रत्ती भर भी एडिट किए उसे हूबहू पब्लिश किया जा रहा है….

एक #चैनल जो इस समय कांग्रेस विरोध के लिए जाना जाता है। उसने अपनी आदत के अनुसार मेरे एक #बयान को कुछ कट, कुछ पेस्ट कर अपने चैनल में एक #तथाकथित_महाबहस के नाम पर एक चर्चा करवाई है और कुछ कांग्रेस के नेताओं के बयान प्रसारित किये हैं। मुझे उस चैनल की कुटिलता पर आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि जितनी कांग्रेस विरोधी ताकतें हैं, वह मुझ पर लगातार आक्रामक रहती हैं और मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि भाजपा का बॉटम से लेकर शीर्ष तक मुझ पर लगातार आक्रामक रहता है।

प्रत्येक चुनाव से पहले भी और बाद में भी मुझ पर प्रहार किये जाते रहे हैं। सोशल मीडिया पर मेरे बयानों को ट्रॉल करने के लिए एक लंबी फौज रखी गई है, कभी-कभी उस फौज में कुछ कांग्रेसी चेहरे भी खड़े हो जाते हैं। चैनल ने तो मेरे बयान को कट और पेस्ट कर हमारी पार्टी पर हमला करने का रास्ता निकाला, मगर उस रास्ते में हमारे कांग्रेस के लोग क्यों फंस रहे हैं? मेरा बयान मेरे #फेसबुक पेज पर मौजूद है। कोई बात असंगत लग रही हो तो मुझसे बात की जा सकती है। मगर पार्टी के लोगों का सार्वजनिक रूप से हमलावर होना उस चैनल के मकसद को ही पूरा करता है।

मैं अपने राजनीतिक जीवन के प्रारंभ से ही कांग्रेस पार्टी से जुड़ा हुआ हूं, यह जुड़ाव अब 57वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है। कभी दाएं-बाएं नहीं देखा, चिंता पूर्ण परिस्थितियों में भी न अपना मनोबल गिराया और न कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरने दिया। हारें हुई, मगर प्रत्येक हार के बाद, मैं फिर से कमर कसकर लोगों के बीच में पहुंचा हूं, आज भी हूं। रोज सरकार से 2-4 सवाल पूछता हूं? उनकी कुनीति पर प्रहार करता हूं। सत्ता से फायदा लेना मेरे स्वभाव में नहीं है। राज्य को बने 24 वर्ष हो चुके हैं। कांग्रेस भी सत्ता में रही, मैं स्वयं भी मुख्यमंत्री रहा। मैंने, मेरे परिवार ने, भाइयों ने, नजदीक के रिश्तेदारों ने सरकार से कोई लाइसेंस, परमिट, खान, क्रेशर, ठेका, मकान, दुकान ली हो तो मुझे बताया जाए और मेरी आलोचना की जाए।

मैंने सत्ता का उपयोग जनहित में किया। कांग्रेस की पहली सरकार में हिमाचल की तरह भू कानून बने, चकबंदी हो और यहां लग रहे उद्योगों में 70 प्रतिशत स्थान स्थानीय नौजवानों को मिले इसके लिए काम किया। मगर अपने लिए रहने के लिए मकान नहीं मांगा! प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक कमरे में सैकड़ों रातें गुजारी, मगर अपनी सरकार से भी कृपा नहीं ली। 2012 में सरकार बनी तो भी कोई कृपा नहीं ली और अपनी सरकार में ऐसी कृपा लिए जाने के सभी रास्तों को बंद किया। कहीं भी प्रशासन में मेरे परिवार, कुटुंबीजनों या रिश्तेदारों का दखल लोगों ने नहीं देखा होगा। हां, अपने राजनीतिक सहयोगियों को अवश्य अधिकार दिये।

आज भी भूतपूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर कोई एक उदाहरण नहीं है कि सरकार से मैं कोई कृपा ले रहा हूं। वर्तमान सरकार जिन सुविधाओं को अन्य भूतपूर्व #मुख्यमंत्रियों को दे रही है, मैं उनकी भी अपेक्षा नहीं कर रहा हूं। यहां तक कि रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर माननीय विधायकों को प्राप्त प्रोटोकॉल सुविधा से भी मैं वंचित हूं। मगर मैं खुश हूं। निष्कंटक भाव से विपक्ष धर्म निभा रहा हूं, उस धर्म का निर्वहन करते हुये मैंने श्री #मोदी, श्री #योगी, श्री #धामी के “बटोगे तो कटोगे” जैसे विद्वेष व विभाजनकारी नारे के खिलाफ अपना नरेटिव गढ़ने का और उसके साथ टॉप टू बॉटम खड़े होने का सुझाव दिया है। यह सुझाव मैंने कार्यसमिति की बैठक में भी दिया है और कहा कि न्याय, सामाजिक न्याय, मोहब्बत की दुकान, भारत जोड़ो और लड़की हूं लड़ सकती हूं जैसे नरेटिव भाजपा के बांटने वाले नरेटिव से अधिक प्रभावकारी हैं। हमें इन नरेटिवों के साथ टॉप टू बॉटम संपूर्ण शक्ति से खड़ा होना चाहिए।

मैं, उत्तराखंड कांग्रेस से भी पुनः कह रहा हूं कि 2017 में हमारे #उत्तराखंडियत के नरेटिव ने ही 2012 में पार्टी को मिले बेस वोट को बचाया था, 2022 में भी हमारे इसी नरेटिव ने भाजपा की सांप्रदायिक नारे से लड़ते हुए हमारा वोट प्रतिशत बढ़ाया था। यदि हम सब इस #नरेटिव के साथ एकजुट होकर के खड़े हों तो इस नरेटिव जिसमें स्थानीय संस्कृति, परंपराएं, परिवेश व आकांक्षाएं समाहित हैं, उसमें भाजपा के “बटोगे तो कटोगे” के नारे को परास्त करने की क्षमता है।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in अल्मोड़ा

Advertisiment

Recent Posts

Facebook

Trending Posts

You cannot copy content of this page