क्राइम
गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब के अध्यक्ष पूर्व आईएएस अधिकारी हरबंस सिंह चुघ ने इस्तीफा दिया
नानकमत्ता (ऊधमसिंह नगर)। गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष पूर्व आईएएस अधिकारी हरबंस सिंह चुघ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफे की प्रतिलिपि श्री अकाल तख्त साहिब के मुख्य जत्थेदार और उप रजिस्ट्रार सोसाइटी एवं चिट्स फंड ऊधम सिंह नगर को भी भेजी है। इस्तीफे का कारण धार्मिक डेरा कार सेवा के जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह की हत्याकांड में नामजद होने से आहत होना बताया है।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सभी डायरेक्टरों को संबोधित त्यागपत्र में हरबंस सिंह चुघ ने लिखा है कि बिना किसी आधार के उन्हें बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड में संदिग्ध माना गया है, जिससे वह आहत हैं। वह खुद को सहज नहीं कर पा रहे हैं। पत्र में लिखा है कि सर्वसहमति से उन्हें पांच वर्ष के लिए अध्यक्ष चुना गया था। उन्होंने गुटबाजी समाप्त कर कमेटी चलाने को अपनी प्रारंभिक प्राथमिकता दी। चुघ ने कमेटी के सदस्यों से उपाध्यक्ष को प्रभारी अध्यक्ष बनाने और उनकी अध्यक्षता में बैठक आहूत कर त्यागपत्र स्वीकार करने की अपील की है।
अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है षडयंत्र का मास्टरमाइंड
नानकमत्ता (ऊधमसिंह नगर)। 28 मार्च को बाइक सवार दो शूटरों ने डेरा कार सेवा में घुसकर बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्यारों की पहचान मियाविंड तरनतारन (पंजाब) निवासी सर्बजीत सिंह और सिरोहा बिलासुपर (यूपी) निवासी अमरजीत सिंह के रूप में हुई। डेरा कार सेवा के सेवादार जसवीर सिंह ने तहरीर सौंपकर शार्प शूटरों के साथ ही गदरपुर निवासी पूर्व आईएएस और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरबंस सिंह चुघ, तराई महासभा के उपाध्यक्ष व गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व महासचिव प्रीतम सिंह संधू, बिलासपुर निवासी बाबा अनूप सिंह और पीलीभीत के रहने वाले फतेहजीत सिंह खालसा पर हत्या कराने का संदेह जताया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर इनके विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज की। पुलिस और एसटीएफ ने बाबा तरसेम सिंह की हत्या करने वाले एक अमरजीत सिंह को हरिद्वार में मुठभेड़ में मार गिराया था, जबकि दूसरा शार्प शूटर सर्बजीत सिंह फरार है। पुलिस अब तक षड्यंत्र में शामिल नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। हालांकि अब भी षड्यंत्र का मास्टरमाइंड पुलिस की गिरफ्त से दूर है।