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फूलों का नहीं पैसों का है ये पेड़, एक बार लगाइए दशकों कमाइए, बहुत जल्द देता है निवेश पर रिटर्न
हाइलाइट्स
- इस फूल में बाकी फूलों की तरह कोई खुशबू नहीं होती है लेकिन इस फूल में बहुत से गुण पाए जाते हैं.
- पलाश के फूल दुनियाभर में जैविक रंगों के लिए मशहूर है.
- एक बार पौधे लगाने के बाद ये अगले 30 साल तक आपकी कमाई का जरिया बन सकते हैं.
आजकल लोग फिर से खेती को ओर लौट रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी खेती के लिए किसी ज्यादा कमाई वाली फसल की तलाश कर रहे हैं तो हम आज आपको एक बेहतरीन आईडिया दे रहे हैं. आप पलाश के फूलों की खेती करके बंपर कमाई कर सकते हैं. इस फूल को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है. हालांकि इस फूल में बाकी फूलों की तरह कोई खुशबू नहीं होती है लेकिन इस फूल में बहुत से गुण पाए जाते हैं.
पलाश का फूल अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. इस फूल को उत्तरप्रदेश राज्य का राजकीय फूल भी घोषित किया गया है. इसे परसा, ढाक, सू, किशक, सुका, ब्रह्मवृक्ष और फ्लेम ऑफ फॉरेस्ट आदि नामों से पुकारा जाता है. इस फूल की खेती करके आप लाखों रुपये कमा सकते हैं. आइए जानते हैं इसकी खेती कैसे करते हैं.
कई गुणों से भरपूर है पलाश का फूल
पलाश के फूल दुनियाभर में जैविक रंगों के लिए मशहूर है. फूल के अलावा इसके बीज, पत्ते, छाल, जड़ और लकड़ी का भी इस्तेमाल किया जाता है. इससे बना हुआ आयुर्वेदिक चूर्ण और तेल भी काफी अच्छे दामों पर बिकता है. होली के रंग बनाने के लिए भी इस फूल का उपयोग किया जाता है. यह फूल उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, मानिकपुर, बाँदा, महोबा और मध्य प्रदेश से जुड़े बुंदेलखंड में पाया जाता है. वहीं झारखंड और दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में भी इन फूलों की खेती होती है.
एक बार पौधे लगाएं जीवनभर होगी कमाई
देश के कई किसान पलाश के फूलों की खेती करके शानदार कमाई कर रहे हैं. हालांकि, पिछले कुछ सालों में इस फूल की खेती में कमी आई है. ऐसे में खेती करने के लिए आपके पास यह अच्छा मौका है. पलाश के पौधे लगाने के बाद 3-4 साल में फूल आने लगते हैं. आप चाहें तो 1 एकड़ खेत में 50 हजार रुपये की लागत से पलाश की बागवानी कर सकते हैं. एक बार पौधे लगाने के बाद ये अगले 30 साल तक आपकी कमाई का जरिया बन सकते हैं.
औषधीय गुण से भरपूर होते हैं पलाश
पलाश के पेड़ से मिलने वाली हर एक चीज गुणों से भरपूर है और इसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों में भी किया जा सकता है. जानकारों के मुताबिक, नाक, कान या अन्य किसी जगह से रक्तस्त्राव होने पर पलाश की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से काफी लाभ होता है. वहीं, पलाश के गोंद को मिश्री में मिलाकर दूध या आंवला के रस के साथ लेने से हड्डियां मजबूत होती है.