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एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने का विरोध, शिवसेना की नई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 11 जुलाई को सुनवाई

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उच्चतम न्यायालय एकनाथ शिंदे  को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाए जाने के खिलाफ शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत धड़े द्वारा दायर याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई करने के लिए शुक्रवार को सहमत हो गया. न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि याचिका को 11 जुलाई को उचित पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा.

शिवसेना नेता सुभाष देसाई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा कि वे अन्य लंबित याचिकाओं के साथ ही नयी याचिका को सूचीबद्ध करने की अपील कर रहे हैं, जिन पर 11 जुलाई को सुनवाई होनी है. देसाई ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिंदे गुट और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन को आमंत्रित करने के राज्यपाल के 30 जून के फैसले को चुनौती दी है.

ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने तीन और चार जुलाई को हुई विधानसभा की कार्यवाही की वैधता को भी चुनौती दी है, जिसमें सदन में नए अध्यक्ष का चुनाव किया गया था. इसके बाद सदन में विश्वास मत की कार्यवाही को भी चुनौती दी गई है, जिसमें शिंदे के नेतृत्व वाले गठबंधन ने बहुमत साबित किया था. याचिका में अनुरोध किया गया है कि शिंदे और अन्य बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने संबंधी याचिकाओं के रिकार्ड पेश करने के निर्देश दिए जाएं. ये याचिकाएं विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पास लंबित हैं.

महाराष्ट्र में ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को हाल में वरिष्ठ नेता शिंदे की अगुवाई में विधायकों की बगावत का सामना करना पड़ा. पार्टी के अधिकतर विधायकों ने शिंदे का पक्ष लिया, जिससे महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई. ठाकरे ने 29 जून को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उसके एक दिन बाद शिंदे ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

याचिका में असंवैधानिक कार्यवाही को चुनौती

अधिवक्ता अनीश शाह द्वारा दाखिल अपनी याचिका में देसाई ने कहा, ‘याचिकाकर्ता राज्यपाल की 30 जून, 2022 की असंवैधानिक और अवैध कार्रवाई को चुनौती दे रहा है, जिसमें प्रतिवादी संख्या 4 (एकनाथ शिंदे) को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के लिए आमंत्रित किया गया.’’

याचिका में कहा गया है, “शिवसेना निर्वाचन आयोग से मान्यता प्राप्त एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल है. निर्वाचन आयोग ने इसके पदाधिकारियों को भी मान्यता दी है। उद्धव ठाकरे शिवसेना के अध्यक्ष हैं. पिछला संगठनात्मक चुनाव 2018 में हुआ था और इसकी सूचना भारत के निर्वाचन आयोग को दी गई थी. शिवसेना के संगठनात्मक ढांचे में कोई बदलाव नहीं हुआ है और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व को लेकर कोई विवाद और चुनौती नहीं है.’’

याचिका में शिंदे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने और सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल के 30 जून के फैसले को रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. इसमें तीन जुलाई को हुई महाराष्ट्र विधानसभा की ‘अवैध’ कार्यवाही और उसके बाद विधानसभाध्यक्ष के चुनाव को रद्द करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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