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अल्मोड़ा

आपदा: जागेश्वर धाम का शेष दुनिया से संपर्क कटा, 200 भक्तजन फंसे

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जागेश्वर और धौलछीना क्षेत्र में हुई भारी बारिश ने आफत मचाई है। जागेश्वर में बरसाती नाले के उफान पर आने से दो बाइक बह गईं। वहीं जटा गंगा के उफान में योग मैदान को जोड़ने वाला पुल बह गया। मुख्य बाजार में भारी मात्रा में मलबा घुस गया इससे व्यापारी और धाम पहुंचे यात्री सहमे रहे। आरतोला और कोटेश्वर दोनों सड़कों के बंद होने से जागेश्वर का शेष दुनिया से संपर्क पूरी तरह कट गया है। बाबा जागनाथ के दर्शन के लिए धाम पहुंचे 200 से अधिक श्रद्धालु जागेश्वर में ही फंस गए हैं।

बुधवार शाम जिला मुख्यालय के साथ ही जागेश्वर और धौलछीना क्षेत्र में भारी बारिश हुई। भारी बारिश के बाद जागेश्वर मुख्य बाजार की शुरुआत में बरसाती नाला उफान पर आ गया जो अपने साथ भारी मात्रा में मलबा बहा लाया। नाले के उफान में सड़क पर खड़ीं दो बाइक बहकर नीचे की तरफ जटा गंगा नदी में समा गईं। वहीं उफान पर आई जटा गंगा के तेज प्रवाह में इस पर जागेश्वर धाम से योग मैदान को जोड़ने के लिए बना पुल बह गया। देखते ही देखते पुल का नामोनिशान मिट गया। नाले और जटा गंगा के उफान पर आने से इसके आसपास रहने वाले लोगों के साथ ही स्थानीय व्यापारी दहशत में रहे।

जागेश्वर को जोड़ने वाली आरतोला सड़क के क्षतिग्रस्त होने से इस पर पहले ही आवाजाही ठप है। भारी बारिश के बाद वैकल्पिक वृद्ध जागेश्वर-कोटेश्वर सड़क का दो जगह नामोनिशान मिट गया। दोनों सड़कों के एक साथ बंद होने से जागेश्वर क्षेत्र शेष दुनिया से अलग-थलग पड़ गया है। सावन महीने में जागेश्वर धाम पहुंचे 200 से अधिक यात्री दोनों सड़कों के बंद होने से फंसे हैं। सूचना के बाद पुलिस, प्रशासन, राजस्व, एसडीआरएफ की टीम ने जागेश्वर पहुंचकर अभियान चलाया।

बाड़ेछीना-शेराघाट सड़क रोकनी पड़ी आवाजाही धौलछीना क्षेत्र में हुई भारी बारिश के बाद बाड़ेछीना-शेराघाट सड़क पर कई बरसाती नाले उफान पर आ गए। कई जगह भूस्खलन होने से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर सड़क पर गिर गए। ऐसे में यात्रियों और वाहन चालकों की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सड़क पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी। अधिकारियों के मुताबिक हालात सामान्य होने पर यातायात सुचारू किया जाएगा।

भारी बारिश के बाद जागेश्वर धाम के आसपास भूस्खलन होने से चार से अधिक मकान खतरे की जद में आ गए। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने महेश राम और दीवान राम का घर खाली करवाया और प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया। वहीं, कोटेश्वर में एक गोशाला पूरी तरह ध्वस्त होने से एक गाय मलबे में दब गई। प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने में जुटे रहे।सड़क किनारे लगीं दुकानों को हटाने के निर्देश जारीजागेश्वर धाम में इन दिनों श्रावणी मेला चल रहा है। स्थानीय व्यापारियों के साथ ही बाहरी व्यापारियों ने सड़क किनारे जटा गंगा की तरफ दुकानें संचालित की हैं। नदी के उफान पर आने से व्यापारियों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने सड़क किनारे नदी की तरफ संचालित दुकानों से सामान हटाने के निर्देश जारी किए हैं। देर रात तक व्यापारी सामान को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में जुटे रहे।

एसडीएम और तहसीलदार पैदल पहुंचे जागेश्वर

बुधवार की शाम जागेश्वर धाम में तेज बारिश होने की सूचना मिलने के बाद एसडीएम और तहसीलदार भनोली मौके की ओर रवाना हुए। दोनों सड़कें बंद होने से दोनों अधिकारियों को पैदल सफर कर जागेश्वर पहुंचना पड़ा। वहीं डीएम और एसएसपी भी एक किमी पैदल सफर कर भारी बारिश के बीच जागेश्वर पहुंचे और नुकसान का जायजा लिया। दोनों अधिकारी पुलिस, एसडीआरएफ और राजस्व की टीम के साथ लोगों को राहत पहुंचाने में जुटे रहे। डीएम विनीत तोमर ने प्रभावितों को हरसंभव राहत पहुंचाने का भरोसा दिया।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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