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Uttarakhand Uniform Civil Code प्रदेश में समान नागरिक संहिता को मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। जिससे केंद्र के साथ ही दूसरे राज्यों के लिए भी राह आसान होगी।

उत्तराखण्ड

राष्ट्रीय फलक पर धामी : युवा धामी के जीवन का सबसे बड़ा निर्णय जो बनेगा देश के लिए नजीर, धामी की धमक और दृढ इच्छाशक्ति की इस वक़्त देश भर में गूंज,

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देहरादून: उत्तराखंड यानि देश का मस्तक जहां से पतित पावनी गंगा निकलकर देश के अंतिम छोर कन्याकुमारी तक पहुँच जीवनधारा देती है। अब इसी देवभूमि से एक और गंगा का उदगम होने जा रहा है जो यहां से अवतरित होकर फिर पूरे भारतवर्ष तक अपनी निर्मलता बिखेरेगी। यह गंगा अवतरित हो रही है दृढ इच्छा शक्ति वाले मुख्य सेवक के उस तप से जो उन्होंने एक प्रण के रूप में अपने हाथों mमें संकल्पित था। वह संकल्प जो शायद उनके अब तक के राजनीतिक जीवन का सबसे बड़ा निर्णय होगा। वह तप जिसकी गूँज अब उत्तराखंड से बाहर निकलकर पूरे देश में सुनाई देने लगी है। वह गूँज जिससे धामी अब देश भर के लिए गौरव के साथ एक नजीर बनने जा रहे हैँ। इसी गूँज से अब पुष्कर सिंह धामी देश के फलक पर भी धमक से छा रहे हैँ। वह गूँज जिससे धामी का राजनीतिक कद उन्हें बहुत बड़े फलक पर ले जाने वाला है। देश के एक छोटे राज्य से निकलने वाली यह बड़ी गूँज।

समान नागरिक संहिता, मात्र तीन शब्दों का यह समूह खुद में एक बहुत बड़ा संसार समाये है। इससे देश में असमानता की वह बेढीया टूटने वाली हैँ जिससे अब तक समाज का एक बड़ा वर्ग छुटकारा पाना चाहता है।

इस कानून को लेकर पूरे देश की नजरें उत्तराखंड पर टिकी होने के बीच यह तय है की उत्तराखंड ही देश को ucc का एक मॉडल देने जा रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मामले में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इरादों को एक तरह से सराहते हुए उन्हें फ्री हैंड दे दिया है। चुनावी प्रदेश में सरकार बनने के बाद जिस तरह से इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री धामी ने जो इरादा और दृढ इच्छा शक्ति दिखाई है वह अब एक मिसाल बनने जा रही है। इसीलिए उत्तराखंड से लागू होकर यह मॉडल तमाम अन्य राज्यों और केंद्र के लिए भी एक नजीर बनने जा रहा है। धामी कार्यकाल में यह फैसला खुद मुख्यमंत्री के लिए भी शायद उनके राजनीतिक जीवन का एक अहम् और बहुत बड़ा और दूरगामी फैसला होगा जिससे आने वाले समय में देश की दशा बदलेगी।

उत्तराखंड के बाद इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। मंगलवार को भोपाल में अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने इसके संकेत भी दिए। प्रदेश में समान नागरिक संहिता को मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इन दिनों टीवी चैनलों पर इस मुद्दे में बहस के बीच भी उत्तराखंड और मुख्यमंत्री धामी सुर्खियों में है। इस तरह उत्तराखंड एक नजीर भी बनेगा।

इससे केंद्र के साथ ही दूसरे राज्यों के लिए भी राह आसान होगी। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट बनाने के लिए गठित समिति इन दिनों इसे अंतिम रूप देने में जुटी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी कहा कि ड्राफ्ट फाइनल होते ही सरकार समान नागरिक संहिता को राज्य में लागू कर देगी।

यूनिफॉर्म सिविल कोड को हिंदी भाषा में समान नागरिक संहिता कहा जाता है। इसका बेहद सरल अर्थ है देश के हर शहरी के लिए एक जैसा कानून लागू हो। इसके तहत एक शहरी किसी भी धर्म-मज़हब से संबंध रखता हो, सभी के लिए एक ही कानून होगा। इसको धर्मनिर्पेक्ष कानून भी कहा जा सकता है। इसका मतलब विवाह, तलाक और जमीन जायदाद के मामलों में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून होगा।ड्राफ्ट बनाने वाली समिति को ढाई लाख से अधिक सुझाव मिले हैं और वह ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे रही है।

अब विधि आयोग (लॉ कमीशन) भी पूरे देश में समान नागरिक संहिता के लिए जनता से विचार विमर्श कर रहा है।

बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चुनावी भाषणों में कहा था कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनने पर यहां समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। समान नागरिक संहिता का विषय बीजेपी के एजेंडे में सबसे ऊपर रहा है। सत्ता में आने के बाद उन्होंने इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं। समान नागरिक संहिता का प्रारूप तैयार करने के लिए समिति बनाई गई है। यह समिति आम जन के साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय, प्रदेश की विभिन्न जनजातियों व महिलाओं के साथ बैठक कर उनके सुझाव ले चुकी है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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