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धर्मशाला बनने से रोकना होगा देवभूमि को, लोहाघाट में ली गई भू कानून पर जनता और जन प्रतिनिधियों की राय

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  • देवभूमि उत्तराखंड को धर्मशाला बनाने से बदलती जा रही है संस्कृति एवं प्रकृति
  • बाहरी लोगों द्वारा खरीदी गई भूमि का समाप्त किया जाए स्वामित्व
  • हिमांचल पेटर्न पर उत्तराखंड में लागू किया जाए दमदार भूमि संबंधी कानून।

लोहाघाट। उत्तराखंड में बाहरी लोगों के लिए उदारता के साथ भूमि खरीदीने के लिए द्वार खोलने के कारण यहां कि संस्कृति व प्रकृति बदलती जा रही है जिससे देवभूमि ऐसी धर्मशाला बन गई है। जिसमें यहां के लोग अपनी पहचान खोते जा रहे हैं। यह बात स्थानीय प्रशासन द्वारा आयोजित उत्तराखंड में लागू किए जाने वाले ने भू कानूनों के लिए कि जा रही है रायसुमारी में प्रबुद्ध लोगों ने व्यक्त किए। लोगों का कहना था कि जिन बाहरी लोगों ने यहां चालाकी से भूमि खरीदी है उसमें उन का स्वामित्व समाप्त किया जाए। लोगों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इमानदारी के साथ लाए जा रहे नए भू कानून के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना कि।

लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी देखी गई कि सरकार द्वारा स्वयं बनाए गए कायदे कानून या तो वे जमीन में नहीं उतर पाते हैं या उन्हें लागू करने की इच्छा शक्ति समाप्त हो जाती है। यह बात अलग है कि सीएम धामी द्वारा उत्तराखंड में चलाए जा रहे मजार जिहाद को जिस ध्रणता के साथ समाप्त करने का प्रयत्न किया गया है उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि राज्य बनने के बाद मुख्यमंत्री धामी ऐसा भू कानून लाने जा रहे हैं। जिसके बारे में आज तक किसी ने सोचा भी नहीं था।

शासन के निर्देश पर बुधवार को एसडीएम लोहाघाट रिंकु बिष्ट की अध्यक्षता में नगर के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं,अधिवक्ताओं ,शिक्षाविदो व सरकारी अधिकारियों के साथ नगर पालिका कार्यालय लोहाघाट में बैठक आयोजित की गई तथा भू कानून को लेकर उनकी राय मांगी गई। नगर के सभी बुद्धिजीवियों ने कहा जिस कारण लचीले कानून का फायदा उठाकर बाहरी प्रदेश के पूंजीपतियों ने उत्तराखंड के खासकर पर्वतीय क्षेत्रो में बड़ी मात्रा में जमीन खरीद ली है उन्होंने सरकार से सख्त कानून बनाकर इस पर रोक लगाए जाने की मांग की है लोगों ने धामी सरकार के भू कानून बनाने के फैसले का स्वागत किया लोगों ने कहा सरकार ने बाहरी व्यक्तियों को 250 वर्ग मीटर भूमि खरीदने की छूट दी हुई है पर उन लोगों के द्वारा अपने सगे संबंधियों के नाम पर बड़ी मात्रा में जमीने खरीदी हुई है। लोगों ने बाहरी लोगों को जमीन बेचने वालों पर भी कार्रवाई की मांग की है तथा उद्योग के लिए आवंटित की जाने वाली भूमि को भी उद्योग की श्रेणी को देखकर भूमि देने की मांग की तथा लंबे समय तक उद्योग ना लगाए जाने पर जमीन को जब्त करने का सुझाव दिया। लोगों ने कहा सरकार ने उत्तराखंड में लगने वाले उद्योगों में स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार देने का कानून बनाया था पर उसका कहीं पालन होता नहीं दिख रहा है लोगों ने कहा आज प्रदेश से 30 लाख से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं बाहरी लोगों को कृषि ,बागवानी व धार्मिक परियोजन, आश्रम ,मेडिटेशन सेंटर के लिए कतई भूमि नहीं खरीदने दी जाए अगर कोई व्यक्ति अस्पताल , वैलनेस सेंटर के लिए भूमि खरीदना चाहता है तो उसमें स्वास्थ्य विभाग की निगरानी हो अगर वह व्यक्ति अस्पताल नहीं खोलता है तो जमीन को रद्द किया जाए लोगों ने कहा ऐसा भू कानून बने जिसमें उत्तराखंड वासियों का हित हो उन्हें अधिक से अधिक रोजगार मिले लोगों ने कहा अगर जल्द सरकार सख्त भू कानून नहीं लाती है तो उत्तराखंड में बाहरी राज्य के लोगों का कब्जा हो जाएगा।

एसडीएम लोहाघाट रिंकू बिष्ट ने काफी गंभीरता से लोगों के सुझाव सुने उन्होंने कहा सभी सुझावों को शासन में भेजा जाएगा उन्होंने कहा सरकार ने अब नया आदेश जारी कर नगर पालिका क्षेत्र में भी बाहरी लोगों के द्वारा जमीन खरीदने पर रोक लगा दी है। बैठक में एडवोकेट नवीन मुरारी ,भास्कर मुरारी, रमेश उप्रेती ,विधायक प्रतिनिधि डॉ अमर सिंह कोटियाल, गोविंद वर्मा ,मनीष जुकरिया, दिनेश सुतेड़ी, भूपाल सिंह मेहता, भैरव दत्त राय , ईओ सौरभ नेगी, तहसीलदार जगदीश नेगी ,हरीश गोस्वामी , वीडिओ अशोक अधिकारी, शिक्षाविद् बंशीधर कलोनी ,गोविंद बल्लभ ओली, जितेंद्र शाह ,राज किशोर शाह , रेनू गड़कोटी, ललित खोलिया ,अमित शाह व कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।फोटो – नए प्रस्तावित भू कानून पर एसडीएम से संवाद करते प्रबुद्ध नागरिक।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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