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आगामी बजट में पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की मांग
हल्द्वानी। देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल के कुमाऊं मंडल प्रवक्ता हरजीत सिंह चड्ढा ने आगामी बजट देखते हुए वित्त मंत्री भारत सरकार से मांग की है कि पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए जिससे ट्रांसपोर्ट व्यवसाई को कुछ राहत मिल सके। व्यापारी और ट्रांसपोर्टरों ने मांग करी है कि बजट व्यापारी हित और ट्रांसपोर्टर हित में होना चाहिए। बढ़ती महंगाई बढ़ती टैक्स इंश्योरेंस जीएसटी अथवा महंगे होते पार्ट्स टायर ट्यूब ,बैटरी टोल प्लाजा चालक परिचालक वेतन ने ट्रांसपोर्ट व्यवसाईयों की कमर तोड़ रखी है।
भारत सरकार से अपील है कि बजट में मध्यम वर्ग का विशेष ध्यान रखा जाए और उत्तराखंड पर्वतीय राज्य को देखते हुए विशेष पैकेज की घोषणा की जाए जिससे राज्य व देश की अर्थव्यवस्था को गति मिल सके व्यापारी समाज का प्रमुख अंग है। उन्होंने मांग करी है वित्त मंत्री को अपने बजट में व्यापारी वर्ग का विशेष ध्यान चाहिए, जिससे व्यापारियों को राहत मिल सके। बढ़ती महंगाई के असर से व्यापारी वर्ग काफी प्रभावित हुआ है।व्यापारी नेता हरजीत सिंह चड्ढा ने मांग करी है बजट ऐसा हो जिसमें छोटे व्यापारी पनप सकें। जैसे ई-कामर्स करने वाले व्यापारियों से छोटा व्यापारी भी प्रतिस्पर्धा कर सकें। बजट सरल और व्यापारी हित में होना चाहिए। रिफाइंड, घी, तेल, के भावों में तेजी पर अंकुश लगने के साथ महंगाई पर काबू किया जाए। इससे बाजार में ग्राहक बढ़ेगा। जिस कारण सरकार के राजस्व और व्यापारियों के काम में वृद्धि होगी। भावों में तेजी आने से व्यापार प्रभावित हुआ है ट्रांसपोर्टर नेता ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में स्टील के दामों में 10 से 15 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में जीएसटी के साथ अन्य तरह के खर्च अधिक बढ़ गए है। कृषि यंत्रों के दाम में तेजी आई हैं।समस्त व्यापारी और ट्रांसपोर्टर वर्ग को बजट से राहत मिलने की उम्मीदें लगाए बैठे हैं। मांग करने वालों में मांग करने वालों में देवभूमि ट्रक आनर्स महासंघ के महासचिव उमेश चंद्र पांडे पंडित दया किशन शर्मा ,रोहित रौतेला, ललित रौतेला सौरभ अग्रवाल बृजेश तिवारी आदि।