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नाबालिग महिला हॉकी खिलाड़ी से दुष्कर्म, चम्पावत निवासी कोच गिरफ्तार
हरिद्वार। सिडकुल थाना क्षेत्र में नाबालिग महिला हॉकी खिलाड़ी से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने आरोपी कोच को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया है। पीड़िता के कोर्ट में बयान दर्ज कराए गए हैं।
पुलिस के अनुसार, राष्ट्रीय खेलों को लेकर रोशनाबाद स्पोर्ट्स स्टेडियम में खिलाड़ियों के शिविर चल रहे हैं। जहां छह कोच (पांच पुरुष एक महिला) खिलाड़ियों को अभ्यास करा रहे हैं। सभी होटलों में ठहरे हुए हैं। ऋषिकेश से एक 16 वर्षीय किशोरी हॉकी टीम में चयनित होकर आई थी। रविवार को एक पुरुष टीम के कोच ने उसे अपने कमरे में बुला लिया।
आरोप है कि कोच ने उससे दुष्कर्म किया। नाबालिग की जब हालत बिगड़ी तो दूृसरे कोच को जानकारी मिली। तब उसने परिजनों से संपर्क किया। परिजनों के पहुंचने पर किशोरी ने घटना के बारे में बताया। इसके बाद उसे लेकर सभी थाने पहुंचे। एसपी सिटी पंकज गैरोला ने बताया, चंपावत के रहने वाले आरोपी कोच को गिरफ्तार कर लिया गया है।
खेल मंत्री ने लिया मामले का संज्ञान
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य पहुंचीं रोशनाबाद स्थित स्पोर्ट्स स्टेडियम। कोच द्वारा नाबालिग हॉकी खिलाड़ी के साथ दुष्कर्म की घटना का लिया संज्ञान। कोच की नौकरी समाप्त करने की घोषणा की। कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए। वहीं, महिला आयोग ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
नौकरी से बर्खास्त किया
खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि संविदा पर काम कर रहे आरोपी कोच की सेवा बर्खास्त कर दी गई है। उसे जारी सर्टिफिकेट भी निरस्त कराने की अनुशंसा की गई है। आरोपी के खिलाफ सार्वजनिक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा, जिससे भविष्य में देश में कहीं भी उसे बतौर कोच काम न मिल सके। खेल मंत्री ने हरिद्वार पुलिस को मामले में फॉरेंसिक और अन्य सभी तरह के साक्ष्य एकत्र कर आरोपी के खिलाफ मजबूत केस तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
आयोग सख्त : एसपी को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिएनाबालिग खिलाड़ी संग दुष्कर्म के मामले का राज्य महिला आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने पीड़िता के पिता से बात कर जानकारी ली। उन्होंने एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। कहा, यह बहुत ही निंदनीय घटना है। राष्ट्रीय खेलों के उत्सव का समय है। ऐसे में एक नाबालिग खिलाड़ी के साथ शर्मनाक वारदात को अंजाम देने वाले को बख्शा नहीं जाना चाहिए। सरकार बेटियों को खेलों में बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है और यदि ऐसी मानसिकता वाले कोच होंगे तो खिलाड़ी कैसे सुरक्षित महसूस करेंगी।