दुर्घटना
मदमहेश्वर मार्ग पर बना पुल बहा, हेलीकाप्टर से किया जा रहा रेसक्यू, अतिवृष्टि से यमुनोत्री धाम मंदिर परिसर को भारी नुक़सान

रुद्रप्रयाग जिले में मदमहेश्वर पैदल रास्ते पर गोंडार में एक पुल बह गया है। कई पर्यटक फंसे बताए जा रहे हैं। एसडीआरएफ की एक टीम इंस्पेक्टर अनिरूद्ध भंडारी के नेतृत्व में हेलीकॉप्टर से मदमहेश्वर से पांच किलोमीटर नीचे नानू नामक स्थान पर पहुंच गयी है । उनके अनुसार, वहां पर करीब तीस लोग हैं जिनमें से अभी तक 10 लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए वहां से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
अन्य लोगों को भी जल्द ही सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। वहीं एसडीआरएफ की एक अन्य टीम भी अगस्त्यमुनि से पैदल मार्ग से होते हुए घटनास्थल पर पहुंच गयी है। पंचकेदार श्रृंखला में से एक मदमहेश्वर मंदिर उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में करीब 11 हजार फुट की उंचाई पर स्थित है।
सूचना के उपरांत पुलिस, एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें वहां पहुंची, जिनके द्वारा यहां पहुंचे लोगों को सुरक्षित निकालने का कार्य किया जा रहा है। मदमहेश्वर धाम से तकरीबन 6-7 कि.मी. नीचे नानू स्थान पर तैयार किए गए अस्थायी हेलीपैड से हेलिकॉप्टर द्वारा रांसी गांव तक छोड़ा जा रहा है, जहां से वापसी का सफर सड़क मार्ग से किया जा रहा है। यहां से अब तक कुल 68 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
यमुना नदी के उदगम में अतिवृष्टि के कारण यमुनोत्री धाम में मंदिर परिसर को भारी नुक़सान हुआ है। मंदिर समिति के कार्यालय, रसोई आदि को भी नुकसान उक्त जानकारी देते हुए पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि जनहानि नहीं लेकिन परिसंपित्तयों को नुक्सान पहुंचा है। बताया कि यमुना नदी के मुहाने पर एकत्रित मलबा बोल्डर पत्थरों की वजह से मंदिर परिसर को अधिक नुकसान हुआ है।
जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग पर राममंदिर के निकट रजिस्ट्रेशन केंद्र भी क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके अलावा यमुनोत्री हाईवे ओजरी डाबरकोट बंद होने से बड़कोट से सरकारी अमला अभी यमुनोत्री धाम नहीं पहुंच पाया। एसडीएम मुकेश चन्द्र रमोला ने कहा कि जनहानि नहीं हुई है लेकिन नुकसान काफी हुआ है। ओजरी डाबरकोट मार्ग खुलने के साथ ही नुकसान का जायजा लिया जाएगा


