उत्तराखण्ड
रिश्वत का गेम ओवर: 10 हजार की रिश्वत लेते सरकारी हॉकी कोच को विजिलेंन्स ने रंगे हाथों धरा
खेल में भी रिश्वत का खेल खेलने का काम यहां होता इससे पहले ही सरकारी हॉकी कोच का विजिलेंन्स ने गेम ओवर कर दिया। मामला हॉकी से जुड़ा हुआ है। इस बात पर भरोसा कर पाना मुश्किल है कि एक सरकारी हॉकी कोच प्राइवेट कोच से सरकार से बिल पास करने के नाम पर 17000 रुपए की रिश्वत मांग रहा था। मामला एसपी विजिलेंस के पास पहुंचा और उन्होंने जब जांच कराई तो सही बात सामने आने पर सरकारी हो की खोज के खिलाफ फील्डिंग लगा दी। रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 10000 लेते हुए सरकारी हॉकी कोच को विजिलेंस ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
एसपी विजिलेंस धीरेंद्र कुमार गुंज्याल ने बताया कि पौड़ी निवासी एक व्यक्ति ने विजिलेंस को शिकायत की थी। व्यक्ति हॉकी का प्राइवेट कोच है। वह पौड़ी की 14 सदस्यीय अंडर 19 हॉकी टीम को प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराने के लिए पिथौरागढ़ ले गए थे। वहां जाने और खिलाड़ियों के खाने पीने का खर्च प्राइवेट कोर्च ने ही वहन किया था। ऐसे में उन्होंने पौड़ी खेल विभाग में इसके भुगतान को प्रार्थनापत्र दिया। विभाग की ओर से नियमानुसार इसका 40 हजार रुपये भुगतान भी कर दिया। लेकिन, खेल विभाग में नियुक्त सरकारी हॉकी कोच महेश्वर सिंह नेगी इस रकम में से 17 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था।
न देने पर धमकी दे रहा है कि वह भविष्य में उन्हें टीम नहीं ले जाने देगा। इस शिकायत की जांच की गई तो आरोप सही पाए गए। इस पर विजिलेंस ने एक ट्रैप टीम तैयार की। शिकायकर्ता ने पहली किश्त 10 हजार रुपये देने को कहा। इस पर नेगी ने उन्हें शशिधर स्टेडियम कोटद्वार में बुलाया। विजिलेंस टीम ने बुधवार को खेल विभाग कोटद्वार के हॉकी के सरकारी कोच महेश्वर सिंह नेगी निवासी रतनपुर कुंभीचौड़, कोटद्वार को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। आरोपी के घर पर भी विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है। साथ ही कार्य दिवस में विजिलेंस उनके दफ्तर में भी जाकर जांच करेगी।