उत्तराखण्ड
घूंस प्रकरण: पांच पांच विधायकों की शिकायत के बाद भी कोई कुछ नहीं कर सका ईई कन्याल का
वक़्त सबके गुनाहों का फैसला करता है, जब कानून की लाठी पड़ती तो शासन में पहुंच भी काम नहीं आती है’, विजिलेंस के शिकंजे में फंसे भ्रष्टाचार के आरोपी ईई कृष्ण सिंह कन्याल को हटाने के लिए सत्तादारी पांच विधायकों ने भी पूरा जोर लगाया था लेकिन वह कुर्सी पर फेविकॉल की तरह जमा रहा।
‘कभी लगता है कि अत्याचार हो रहा है, पर देखता हूं कि नहीं हम तो विपक्ष में हैं, जब सत्ता पक्ष के लोग इतने लाचार हैं तो हमें कोई दिक्कत ही नहीं है’, यह बात उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने विधानसभा बजट सत्र के दौरान सरकार पर तंज कसते हुए कही थी। उन्होंने कहा था भ्रष्टाचारी अधिशासी अभियंता पर कार्रवाई के मामले में विधायक मोहन सिंह बिष्ट, सरिता आर्य, राम सिंह कैड़ा, बंशीधर भगत और दीवान सिंह बिष्ट पत्र लिख चुके हैं। महालेखाकार उसके लिए सिफारिश कर चुके हैं कि विजिलेंस की जांच कराएं, इसने घोटाला किया है। पर सरकार का भ्रष्टाचार पर मौन समर्थन है या वह भी घपले शामिल है। सीएम पोर्टल पर भी कई बार इसकी शिकायत की जा चुकी है। बावजूद संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार इंजीनियर कृष्ण सिंह कन्याल पर वर्ष 2018-19 में नैनीताल जिले में तैनाती के दौरान निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। तत्कालीन डीएम ने इसकी जांच कराई थी। जांच में भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध हुए थे। डीएम ने कृष्ण कुमार की प्रतिकूल प्रविष्टि भी की थी। इसके बाद इन्हें देहरादून मुख्यालय अटैच कर दिया गया। वहां उन्होंने पहुंची का इस्तेमाल कर अपना स्थानांतरण अल्मोड़ा करवा लिया। 2023 में इनका स्थानांतरण नैनीताल हो गया। स्थानांतरण नैनीताल होने पर पांच विधायकों ने सरकार को पत्र भेजा और इनका स्थानांतरण रद्द करने की मांग की लेकिन अपनी ही सरकार में इनकी सुनवाई नहीं हुई। ग्राम प्रधान संगठन से लेकर कई सत्तापक्ष के नेता आरोपी अधिकारी कन्याल की की शिकायत कर चुके हैं।
बड़ा सवाल-आखिर कौन बचा रहा था भ्रष्टाचार के आरोपी इंजीनियर को?उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने सरकार पर विस सत्र में किया था तंज?सरकार में आरोपी इंजीनियर का दबदबा होने से यह सत्ताधारी विधायकों पर भारी पड़ रहा था?