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बड़ी खबर: राज्यसभा में नोटों की गड्डी मिलने के बाद जमकर हंगामा

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संसद के उच्च सदन राज्यसभा में नोटों की गड्डी मिलने की खबर के बाद जमकर हंगामा हुआ। नोट गुरुवार को कांग्रेस सांसद की सीट से मिले हैं। कार्यवाही के बाद सदन की जांच के दौरान ये गड्डी बरामद हुई है। अब इसकी जांच की मांग की जा रही है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद जेपी नड्डा ने कहा कि यह घटना सामान्य नहीं है और ये सदन की गरिमा पर चोट है। सभापति को घटना की जांच करानी चाहिए। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और पीयूष गोयल ने भी मामले की जांच की बात कही।

मामले में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि कांग्रेस का मानना है कि यह अदाणी मामले से ध्यान भटकाने की चाल है। अगर कोई जेब में 50,000 रुपये लेकर जा रहा है तो यह कोई अपराध नहीं है। कांग्रेस नेताओं ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धाकड़ से मुलाकात की है और इस मामले की किसी एजेंसी से जांच कराने या इस पर जेपीसी गठित करने का अनुरोध किया है।

उपराष्ट्रपति ने क्या कहा?इससे पहले राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं सदस्यों को सूचित करना चाहता हूं कि कल सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद नियमित जांच पड़ताल के दौरान सुरक्षा अधिकारियों ने सीट संख्या 222 से 500 रुपये के नोटों की एक गड्डी बरामद की। गड्डी में 100 नोटें हैं। यह सीट वर्तमान में तेलंगाना राज्य से निर्वाचित अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है। मामला मेरे संज्ञान में लाया गया और मैंने सुनिश्चित किया कि जांच हो और जांच चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि नोट असली हैं या नकली।

खरगे ने सभापति के रवैये पर उठाए सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष और सदन में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति द्वारा इसे किसी एक पार्टी से जोड़ने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब घटना की जांच होगी तो उसमें साफ होगा कि कौन दोषी है, लेकिन अभी किसी पर सीधे आरोप लगाना सही नहीं है। मैं अनुरोध करता हूं कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और घटना की प्रामाणिकता स्थापित नहीं हो जाती, तब तक किसी भी सदस्य का नाम उजागर न किया जाए। इस पर सभापति ने कहा कि उन्होंने सिर्फ सीट नंबर की जानकारी दी है और इसे किसी पार्टी विशेष से नहीं जोड़ा है।

किरेन रिजिजू ने सभापति का समर्थन किया

मामले में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि नियमित प्रोटोकॉल के अनुसार सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद एंटी-सैबोटेज टीम ने सीटों की जांच की। उस प्रक्रिया के दौरान नोट पाया गया और सीट नंबरों को डिकोड किया गया। सदस्यों ने उस दिन हस्ताक्षर भी किए। मुझे समझ में नहीं आता कि इस बात पर आपत्ति क्यों होनी चाहिए कि अध्यक्ष को सदस्य का नाम नहीं लेना चाहिए। अध्यक्ष ने सीट नंबर और उस विशेष सीट नंबर पर बैठे सदस्य का नाम सही ढंग से बताया। इसमें क्या गलत है? इस पर आपत्ति क्यों होनी चाहिए? क्या आपको नहीं लगता कि जब हम डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहे हैं, तो सदन में नोटों का बंडल ले जाना उचित है? हम सदन में नोटों का बंडल नहीं ले जाते। मैं अध्यक्ष की इस टिप्पणी से पूरी तरह सहमत हूं कि इसकी गंभीर जांच होनी चाहिए और सदस्यों द्वारा उठाई गई चिंताएं भी बहुत वास्तविक हैं।

अभिषेक मनु सिंघवी ने किया इनकार

वहीं आरोपों से कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सदन में मिले पैसे उनके नहीं है और वे सदन में सिर्फ 500 का नोट लेकर गए थे। पेशे से वकील सिंघवी ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं सुना। मैं जब भी राज्यसभा जाता हूं तो 500 रुपए का नोट साथ लेकर जाता हूं। मैंने इसके बारे में पहली बार सुना। मैं 12:57 बजे सदन में पहुंचा और सदन 1 बजे उठा, फिर मैं 1:30 बजे तक कैंटीन में बैठा और फिर संसद से चला गया।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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