उत्तराखण्ड
बड़ी खबर: चर्चित पूर्व आयकर अधिकारी रेडियो एक्टिव उपकरण डील में फंसा, मुक़दमे के बाद फरार, 5 लाख में डिवाइस खरीदी, बेचकर कमाना चाहते थे करोडों
देहरादून की राजपुर रोड के एक फ्लैट में मिले रेडियो एक्टिव उपकरण खरीद भारत मामले में पूर्व इनकम टैक्स अधिकारी भी फस गए हैं। डिवाइस का सौदा तय करने के लिए उन्होंने अपनी किराएदारों को यह कहकर विश्वास में ले लिया था कि उनके घर पर कभी पुलिस नहीं आ सकती लिहाजा यहां आराम से सौदेबाजी करें। रेडियोएक्टिव डिवाइस मात्र 5 लख रुपए में खरीदी गई थी मगर इसकी कीमत करोड़ों रुपए आकी गई है।
देहरादून के राजपुर क्षेत्र में एक फ्लैट में मिले रेडियो एक्टिव उपकरण में जांच के बाद पुलिस ने पांचों आरोपियों पर धाराएं बढ़ा दी हैं। इसके साथ ही पुलिस ने मामले में दो अन्य संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। मामले में पूर्व इनकम टैक्स अधिकारी श्वेताभ सुमन पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है, जो अभी फरार है। आरोपी इन डिवाइस को ऊंचे दामों में बेचकर करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाना चाहते थे।
यहां आरोपी आगरा के एक आरोपी से इन डिवाइस का सौदा कर रहे थे। बृहस्पतिवार को राजपुर क्षेत्र में आयकर विभाग के एक पूर्व अधिकारी के आवास पर रेडियोएक्टिव मेटिरियल उपकरण की खरीद-फरोख्त की डील चल रही थी। सूचना पर पुलिस ने फ्लैट से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस पर निर्माता का नाम बोर्ड ऑफ रेडिएशन एंड आइसोटॉप टेक्नोलॉजी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी, बीएआरसी/बीआरआईटी, वाशी कांप्लेक्स सेक्टर 20 वाशी नवी मुंबई लिखा हुआ मिला। यहां मौके पर नरोरा एटॉमिक पावर स्टेशन की टीम और एसडीआरएफ ने भी पहुंचकर जांच की थी। इन डिवाइस को जांच के लिए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर भेजा गया। जहां शनिवार को जांच रिपोर्ट आई। इसमें खुलासा हुआ कि डिवाइस में बिना किसी मापदंड के कैमिकल का उपयोग किया गया है। इसे देखते हुए पुलिस ने आरोपियों पर धाराएं बढ़ा दी हैं।
पुलिस पूछताछ में आरोपी तबरेज आलम ने बताया कि उन्होंने 11 माह पहले सहारनपुर निवासी राशिद उर्फ समीर से रेडियो एक्टिव मेटिरियल डिवाइस पांच लाख रुपये में खरीदा था। ये डिवाइस काफी महंगी है, लेकिन राशिद को पैसों की जरूरत होने के कारण उसने वह सस्ते में बेच दिया था। इसे खरीदने के बाद तबरेज ने उसे अपने फार्म में छिपाकर रख दिया और इसे बेचने की तलाश में लग गया। इसी दौरान दिल्ली में लव मल्होत्रा नाम के व्यक्ति ने उसकी पहचान आगरा निवासी सुमित पाठक से कराई। सुमित डिवाइस खरीदने के लिए तैयार हो गया। इसके बाद उसने तबरेज को इसका सौदा करने के लिए दून में अपने किराये के मकान में बुलाया।मकान को सुमित ने पूर्व इनकम टैक्स अधिकारी श्वेताभ सुमन से किराये पर लिया था। सुमित ने मकान मालिक श्वेताभ सुमन को इस सौदे के बारे में बताया तो श्वेताभ ने सुमित पाठक को भरोसा दिलाया कि वह काफी प्रभावशाली हैं। उसके घर पुलिस नहीं आ सकती। इसके बाद आरोपी तबरेज अपनी गाड़ी से डिवाइस को लेकर दून आ गया। तबरेज ने इस दौरान अपने और सुमित के परिचित सरवर हुसैन को सौदा करने के लिए बुलाया।
सरवर अपने साथ जैद अली और अभिषेक जैन को लेकर दून आ गया। डिवाइस के इस सौदे में इन सभी का हिस्सा होना था। पांच लाख में खरीदे इस डिवाइस को करोड़ों का मुनाफा कमाने की बात थी।पांचों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जेलपुलिस ने गिरफ्तार किए पांचों आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। पुलिस ने इस मामले में मौके से सुमित पाठक निवासी बी-8 विजय नगर आगरा, तबरेज आलम निवासी थाना बेहट सहानपुर, सरवर हुसैन निवासी थाना रनोला नई दिल्ली, जैद अली निवासी थाना जहांगीराबाद भोपाल, अभिषेक जैन थाना करोल भोपाल को गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने दो संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है।