उत्तराखण्ड
बनभूलपुरा: व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर रची गई थी हिंसा की साजिश, पथराव का पहले से था प्लान
बनभूलपुरा हिंसा मामले में एक महत्वपूर्ण बात सामने आ रही है। पूर्व नियोजित हिंसा को भड़काने के लिए और पुलिस पर पथराव करने के लिए दंगाइयों ने बाकायदा एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ था। इसी व्हाट्सएप ग्रुप में समय-समय पर हिंसा को लेकर के तमाम बातों का आदान-प्रदान हो रहा था। व्हाट्सएप ग्रुप में न केवल हल्द्वानी बल्कि कई आसपास के अन्य क्षेत्रों के लोगों को भी शामिल किया गया था।
हिंसा को किस तरह से अंजाम देना है और पत्थर और तमाम अन्य हिंसा फैलाई जाने वाले हथियारों को लेकर भी इसी व्हाट्सएप ग्रुप में बातें चल रही थी. अब पुलिस इस व्हाट्सएप ग्रुप को लेकर छानबीन कर रही है।
इधर बनभूलपुरा हिंसा का मास्टर माइंड बताया जा रहा अब्दुल मलिक पुलिस की गिरफ्त से अब भी दूर है। पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में लगी हैं। हिंसाग्रस्त क्षेत्र में पुलिस ने भारी फोर्स के साथ सर्च ऑपरेशन चलाकर दो निर्वतमान पार्षद समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। 60 लोग हिरासत में भी लिए गए हैं। मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए हैं।
एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि हिंसा मामले में निवर्तमान पार्षद महबूब आलम, निवर्तमान पार्षद जीशान, सपा नेता अरशद अयूब, असलम चौधरी और सपा नेता अब्दुल मतीन सिद्दीकी के भाई जावेद सिद्दीकी को भी गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान कहीं से भी हंगामे की खबर नहीं है और कर्फ्यू के बीच पूरे क्षेत्र में शांति बनी हुई है। इधर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को हल्द्वानी हिंसा की जांच के आदेश देकर 15 दिन में रिपोर्ट तलब की है।
अब्दुल मलिक ने सरकारी जमीन कब्जा करके मदरसा और नामाज स्थल बनाया था, जिसे तोड़ने को लेकर हिंसक घटना हुई है। इस मामले में पुलिस अब्दुल मलिक की तलाश कर रही है। मलिक को गिरफ्तार करने के लिए अलग-अलग टीमें काम कर रही हैं। -प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी

