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सुशीला तिवारी अस्पताल में मिला पूनम रावत को नया जीवन, सामाजिक कार्यकर्ता नागेश गुप्ता का का सहयोग रंग लाया

बागेश्वर से हल्द्वानी आकर एक गर्भवती की जान केवल इसलिए बच पाई क्योंकि हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल में वह सभी व्यवस्थाएं थी जो इस महिला की जान बचाने के लिए काफी थी। पहाड़ से जब पूनम रावत और उनके पति कृष्णा रावत हल्द्वानी के लिए आये तब मन में सरकारी तंत्र के प्रति संशय था। मगर यहां आकर सामाजिक कार्यकर्त्ता नागेश गुप्ता और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के प्रतिनिधि राहुल झींगरन के पास मामला पहुंचा तो सरकार और तंत्र के प्रति आस्था बड़ी क्योंकि सुशीला तिवारी अस्पताल में आकर पूनम रावत को पुत्र प्राप्ति हुईऔर जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित रहे।
दरअसल जब पूनम रावत को बागेश्वर से हल्द्वानी के लिए भेजा गया तब मामला काफी संवेदनशील था। गर्भवती पूनम रावत के गर्भस्थ शिशु की नाल अटक गई थी। हल्द्वानी पहुंचने के बाद
सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा गया तब तक कृष्णा रावत और पूनम रावत को यह लग रहा था कि कहीं उन्हें बाहर न जाना पड़े। फिर सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचने के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के स्वास्थ्य प्रतिनिधि राहुल जिंगल और सामाजिक कार्यकर्ता नागेश गुप्ता ने जो सहयोग किया उससे सब गदगद हैँ। एक बहुत क्रिटिकल मामले में गर्भस्थ शिशु और उसकी पूनम रावत अब स्वस्थ हैँ। पूनम रावत और कृष्णा रावत ने इस पूरे मामले में स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत और उनके स्वास्थ्य प्रतिनिधि राहुल सिंह जैन और सामाजिक कार्यकर्ता नागेश गुप्ता का सहयोग जताया है।


