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फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रही सहायक अध्यापिका बर्खास्त, धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज

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बाजपुर। कूटरचित शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षा विभाग की सेवा से बर्खास्त की गई शिक्षिका के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने यह रिपोर्ट एसएसपी के निर्देश पर पुलिस ने प्रभारी बीईओ की तहरीर पर दर्ज की है। विभागीय जांच में शैक्षिक प्रमाण पत्र कूटरचित होने पर बीती 27 फरवरी को शिक्षिका को बर्खास्त किया गया था।

बाजपुर के उप शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने एसएसपी को दी तहरीर के माध्यम से बताया कि ग्राम चनकपुर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में गिंदर पाल ने 22 अक्तूबर 2009 में सहायक अध्यापिका के पद कार्यभार ग्रहण किया था। वह 16 अक्तूबर 2009 को हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयागराज की ओर से निर्गत मध्यमा प्रमाण पत्र, उत्तमा प्रमाण पत्र के आधार पर विभाग में सेवायोजित हुई। हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद से निर्गत प्रथमा, मध्यमा और अन्य कोई भी उच्चतर परीक्षा हाईस्कूल/इंटरमीडिएट के समकक्ष नहीं होने पर जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश पर निलंबित कर दिया गया था। इस पर शिक्षिका गिंदर पाल ने निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में रिट दायर की। हाईकोर्ट के आदेश पर गिंदर पाल को बहाल कर दिया गया।

जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से 24 जनवरी 23 को गिंदर पाल के शैक्षिक प्रमाण पत्र की जांच करने के लिए निर्देशित किया गया। जांच में प्रथमा अंकपत्र प्रमाणपत्र को सत्यापित किया गया लेकिन मध्यमा, उत्तमा के अंकपत्र प्रमाणपत्र से हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद कार्यालय का कोई संबंध नहीं बताया गया। इस पर शिक्षिका गिंदर पाल को जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से फिर निलंबित करते हुए मध्यमा, उत्तमा प्रमाण पत्र कूटरचित तैयार कर नियुक्ति प्राप्त करने का आरोप पत्र जारी किया गया। उसके बाद शिक्षिका ने हाईकोर्ट में पुन: रिट दायर की जिस पर हाईकोर्ट के आदेश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने 16 अक्तूबर 2023 को निलंबन आदेश निरस्त कर शिक्षिका गिंदर पाल को पुनः बहाल कर दिया। साथ ही शिक्षिका को 15 दिन के भीतर साक्ष्य प्रेषित करने के निर्देश दिए जिस पर शिक्षिका की ओर से कोर्ट के स्थगन आदेश और बहाली आदेश की छाया प्रति प्रस्तुत करते हुए मामला कोर्ट में विचाराधीन बताया गया।

इस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने पुनः पक्ष रखने के निर्देश दिए। शिक्षिका गिंदर पाल ने अपना पक्ष प्रस्तुत करते मुकदमा विचाराधीन होने के कारण आरोपों को हटाने के लिए निवेदन किया। उचित नहीं होने के कारण सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली के अंतर्गत जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा को जांच अधिकारी नामित किया गया। 16 अक्तूबर 2024 को की गई जांच में प्राथमिक विद्यालय में नियुक्ति प्राप्त करने के आरोप की पुष्टि की गई।आरोपित शिक्षिका गिंदर पाल को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए, लेकिन शिक्षिका की ओर से ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे सत्यता की पुष्टि होती हो। 28 अक्तूबर 2024 को आरोप पूर्णतया कूटरचित होना सिद्ध हुए। उसके बाद सेवा समाप्ति का निर्णय लिया गया। 27 फरवरी को गिंदर पाल सहायक अध्यापिका प्राथमिक विद्यालय चनकपुर को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। सीओ विभव सैनी ने बताया कि एसएसपी के निर्देश पर आरोपी शिक्षिका गिंदर पाल के खिलाफ धारा 318, 336, 338, 340 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच बरहैनी चौकी प्रभारी अशोक कांडपाल को सौंपी गई है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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