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नैनीताल लिटरेचर फेस्टिवल के संस्थापक व लेखनी फाउंडेशन के चेयरपर्सन अमिताभ सिंह बघेल

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आगाज़: “अनहद-मॉर्निंग रागाज़” के साथ चारखेत से निकली विचारों, अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक धरोहर की गूंज नैनीताल साहित्य फेस्टिवल के रूप में

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नैनीताल। नैनीताल साहित्य फेस्टिवल का पहला के संस्करन शानदार शुरुआत आज माउंटेन मैजिक चारखेत में हो गई। लेखनी फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत यह तीन दिवसीय आयोजन देश-विदेश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों, कलाकारों और विद्वानों का एक अनोखा मिलन है, जहां विचारों, अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव मनाया जा रहा है।

फेस्टिवल का उद्घाटन आज दीप प्रज्वलन समारोह से हुआ। इसके बाद नैनीताल लिटरेचर फेस्टिवल के संस्थापक व लेखनी फाउंडेशन के चेयरपर्सन अमिताभ सिंह बघेल ने उद्घाटन भाषण दिया। फिर प्रख्यात खाद्य इतिहासवेत्ता एवं फेस्टिवल के संरक्षक प्रोफेसर पुष्पेश पंत का स्वागत भाषण हुआ। इसके उपरांत दर्शकों ने “अनहद-मॉर्निंग रागाज़” नामक हृदयस्पर्शी संगीत प्रस्तुति का आनंद लिया, जिसे रवि जोशी, अमन महाजन और गौरव बिष्ट के सहयोग से प्रस्तुत किया गया।

नैनीताल साहित्य फेस्टिवल में फिल्म, खाद्य कला, पर्यावरण, लोक कथाओं, भू-राजनीति, इतिहास, साहित्य, संगीत, पौराणिक कथाओं, कविता तथा कहानी-वाचन जैसे विषयों पर तीस से अधिक सत्रों का आयोजन किया जाएगा। यह फेस्टिवल विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों और व्यावसायिक पृष्ठभूमियों से आने वाली प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करेगा। अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों में अनिरुद्ध गुप्ता (लंदन), ज्योत्सना मोहन (संयुक्त अरब अमीरात) और उस्ताद गुलाम सिराज नियाज़ी (हांगकांग) सम्मिलित हैं।

फिल्म, साहित्य एवं मीडिया जगत के प्रमुख वक्ताओं में आहना कुमरा, आनंद नीलकंठन, आर्थी मुथन्ना सिंह, बेला नेगी, भूपेंद्र चौबे, दीपक बलानी, गुंजन गोयला, कनक रेखा चौहान, कामाक्षी खन्ना, मारिया गोरेड्डी, प्रत्यक्षा, ऋचा रुद्रा, ऋचा एस. मुखर्जी, रूडी सिंह, सफीर आनंद, संध्या मृदुल, समीर संधीर, सदफ हुसैन, शालिनी शाह, शहनाज ट्रेजरी, स्वाति दिग्विजय बोरा, तेनजिन त्सुंडुए, विकास स्वरूप एवं अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां सम्मिलित हैं।

साहित्यिक जगत से फेस्टिवल में अनीसुर रहमान (अनुवाद हेतु साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता), अशोक पांडे (जिन्हें उनके जीवंत गद्य के लिए सम्मानित किया जाता है), इंदु पांडे (‘दिविजा’ काव्य संग्रह के रचयिता) और पुष्पेश पंत (‘फ्रॉम द किंग्स टेबल’ तथा ‘लज्जतनामा’ जैसे पाकशास्त्रीय ग्रंथों के रचयिता) जैसे विशिष्ट नाम भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।

सांस्कृतिक विरासत को “धरोहरः कुमाऊँ की विरासत”, “द कैनवास ऑफ नैनीताल”, एवं “नेचर्स नैरेटिव्स” जैसे सत्रों में प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा। साहित्यिक चर्चाएँ “एक्सपैंडिंग होराइज़न्स ऑफ लिटरेचर”, “एपिक टेल्स”, “इंक ऑफ रेजिस्टेंस”, “कविता की बोली”, एवं “सेवरिंग द वर्स” जैसे विषयों पर आयोजित होंगी, जो स्थानीय पहचान के साथ वैश्विक दृष्टिकोण का समन्वय प्रस्तुत करेंगी।

विशेष महत्वपूर्ण सत्रों में राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित ‘जिंदगी से डरते हो’ नामक पुस्तक का लोकार्पण सम्मिलित है, जिसे अमिताभ सिंह बघेल, अनीसुर रहमान एवं चंद्रशेखर वर्मा द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। खाद्य कला एवं संस्कृति “मास्टर्स ऑफ स्पाइसेस” में महत्वपूर्ण स्थान पाएंगे, जिसमें गुंजन गोयला, पुष्पेश पंत एवं सदफ हुसैन अंशु खन्ना के साथ संवाद करेंगे, तथा “टेस्टिंग द वर्ल्ड” में, आहना कुमरा, मारिया गोरेट्टी, पुष्पेश पंत एवं शहनाज ट्रेजरी एक गतिशील संवाद प्रस्तुत करेंगे।

प्रदर्शन कलाएँ फेस्टिवल के तीनों दिन सांयकाल में विशेष स्थान पाएंगी। प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना राजेश्वरी सैनाथ “डांस ऑफ द गॉड्स” शीर्षक सत्र में अपर्णा कांडा के साथ अपने विचार प्रस्तुत करेंगी। सांयकालीन प्रस्तुतियों में पहले दिन (25 अप्रैल) प्रभात गंगोला एवं उनके साथी कलाकार शार्मिष्ठा सी. बिष्ट, आनंद बिष्ट और पारस जोशी द्वारा “फाग कुमाऊंनी लोक संगीत कॉन्सर्ट”, दूसरे दिन (26 अप्रैल) कामाक्षी खन्ना द्वारा “विस्पर्स इन द विंड इंडियन पॉप म्यूजिक कॉन्सर्ट”, और तीसरे दिन (27 अप्रैल) उस्ताद गुलाम सिराज नियाज़ी, मेहदी हसन नियाज़ी एवं उनके साथी कलाकार उस्ताद गुलाम सुल्तान नियाज़ी, उस्ताद शेज़ाद हुसैन खान और मुनीर खान नियाजी द्वारा “ख्याल का सफर – हिंदुस्तानी संगीत कॉन्सर्ट” प्रस्तुत किया जाएगा।फेस्टिवल में समकालीन विचारधाराओं और राजनीतिक परिदृश्य पर आधारित सत्र भी सम्मिलित हैं।

“द न्यू ग्रेट गेम” जैसी चर्चाओं में अनिरुद्ध जी., पुष्पेश पंत, टी.सी.ए. राघवन एवं विकास स्वरूप भूपेंद्र चौबे के साथ संवाद करेंगे, जबकि “सर्कल्स ऑफ फ्रीडम” में टी.सी.ए. राघवन एव: ज्योत्सना मोहन पहचान एवं स्वतंत्रता पर गहन विचार-विमर्श प्रस्तुत करेंगे। इसके अतिरिक्त “ऑल ही लेफ्ट मी वाज अ रेसिपी” (शहनाज़ ट्रेज़री और कामाक्षी खन्ना), “फ्रॉम स्लमडॉग टू सेवन लाइव्स” (विकास स्वरूप और आर्थी मुथन्ना सिंह), “द आर्ट ऑफ सस्पेंस” (ऋचा एस. मुखर्जी और कनिका त्रिपाठी), एवं “रील टॉकः अनपैकिंग सिनेमा” (बेला नेगी, संध्या मृदुल और रूडी सिंह) जैसे विशिष्ट प्रारूप भी आयोजित किए जाएंगे।

फेस्टिवल के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए निदेशक अमिताभ सिंह बघेल ने कहा कि “नैनीताल साहित्य फेस्टिवल के इस वर्ष के पहले संस्करण को कुमाऊँ क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान स्वरूप प्रस्तुत किया गया है। साथ ही, यह नैनीताल के केंद्र में एक वैश्विक साहित्यिक दृष्टिकोण लाने का प्रयास है। हमारा उद्देश्य विभिन्न विचारधाराओं के बीच सार्थक संवाद स्थापित करना है, जिससे प्रतिष्ठित एवं नए बुद्धिजीवियों तथा कलाकारों दोनों के लिए एक सम्मानजनक मंच उपलब्ध कराया जा सके।”

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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