
भारत के लगभग दो दर्जन लोग दुनिया के 500 ‘सबसे प्रभावशाली मुसलमानों’ की सूची में शामिल हैं। वहीं टॉप 50 में भारत के दो लोगों को जगह मिली है।
एक हैं मुफ्ती अख्तर रजा खान और दूसरे हैं जमीयत उलमा-ए-हिंद नेता मौलाना महमूद मदनी। मुफ्ती अख्तर रजा खान 22वें और महमूद मदनी 43वें नंबर पर हैं। ओमान स्थित ‘द रॉयल इस्लामिक स्ट्रैटेजिक स्टडीज सेंटर’ ने इस सूची को तैयार किया है।
यह छठा साल है जब आरआईएसएससी ने इस तरह की सूची जारी की है। संस्थान के अनुसार, आज दुनिया में 1.7 बिलियन मुसलमान हैं, जो दुनिया की आबादी का लगभग 23% या मानव जाति का 1/5 हिस्सा बनाते हैं। भारत में मुस्लिम आबादी 182,408,020 है, जो कुल जनसंख्या का 14.6% है।
आरआईएसएससी ने 71 वर्षीय मुफ्ती मुहम्मद अख्तर रजा खान कादिरी अल अजहरी को भारत का ग्रैंड मुफ्ती, बरेलवी नेता और आध्यात्मिक मार्गदर्शक बताया है। वह भारतीय बरेलवियों के नेता हैं और उनके अनुयायी भारत के ग्रैंड मुफ्ती के रूप में माने जाते हैं। वह अहमद रज़ा खान (d. 1921) के प्रपौत्र हैं, जिन्होंने दक्षिण एशिया में बरेलवी आंदोलन की स्थापना की थी।
50 वर्षीय मौलाना महमूद मदनी भारत के जमीयत उलेमा-ए-हिंद के नेता और कार्यकारी सदस्य हैं। मदनी के जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सदस्य एक करोड़ मुसलमानों पर उसका प्रभाव है। उनके प्रभाव का स्रोत विद्वतापूर्ण, राजनीतिक, प्रशासनिक है। संस्थान के मुताबिक, मौलाना महमूद मदनी ने आतंकवाद की अपनी स्पष्ट निंदा और भारतीय मुस्लिम समुदाय के अडिग समर्थन के लिए प्रभाव प्राप्त किया है। प्रभावशाली मुसलमानों की सूची में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का भी नाम है।