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वाह: मात्र दो घंटे में पुराने खम्भे की विदाई और नया जमीन पर खड़ा, हल्द्वानी हाइडील की बिजली सी तेजी रिकॉर्ड टाइम में किया काम तो विभाग को लेकर लोगों की गलतफहमी भी दूर करेगी यह खबर
हल्द्वानी। यहां ऊंचा पुल स्थित हिम्मतपुर मल्ला में इन दोनों नहर कवरिंग का कार्य चल रहा है। जाहिर है हर दिन कोई ना कोई अड़चन तो आनी ही हो चाहे रास्तों को लेकर या फिर बिजली और पानी की समस्या। पानी का विषय अगर छोड़ दिया जाए तो बिजली को लेकर यहां हाल फिलहाल तो कोई समस्या नहीं आई। जमीन खोदने वाली मशीन नीचे गर्गारती रही और जमीन खुदाई और भराई चलती रही मगर बिजली की लाइनों को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंची यह गनीमत की बात थी। मगर ऐसा होना मुमकिन नहीं था कि इतने बड़े स्तर पर काम हो रहा हो और बिजली की कोई समस्या सामने ना आए।
और शनिवार की शाम करीब 4:00 बजे ठीक वैसे ही हुआ जिस बात की आशंका तो नहीं थी मगर यह नहीं मालूम था की परेशानी इतनी बड़ी सामने आने वाली है। नहर कवरिंग का कार्य चल ही रहा था कि तभी हिम्मतपुर मल्ला में ओम कॉलोनी के ठीक आगे अपने बुढ़ापे में खड़ा सीमेंट का एक खम्भा तमाम दर्जन भर से ज्यादा बिजली, टीवी केबल और वाई-फाई के तारों को लिए हुए हवा के ठंडे झोंके खा रहा था। हल्के फुल्के थपेड़े खाने के लिए तो यह खंबा तैयार था, मगर किसी बड़े झटके को झेल पाने के लिए बिल्कुल भी नहीं। तभी एक मानव जनित भूल हुई और धड़ ढढ़ाती हुई जेसीबी के आगे लगे लोहे के तीखे बड़े-बड़े दांत खंबे की जड़ से जा टकराए। इतनी भारी मशीन के इस अचानक हुए आक्रमण को झेलने के लिए खंबा बिल्कुल भी तैयार नहीं था वह भी अपने बुढ़ापे के दिनों में। और देखते ही देखते खंभा करीब करीब 25 डिग्री का एक कोण लिए बाई तरफ झुकने को हुआ। अब जो मशीन इस खंबे को धराशाई करने के लिए उतारू थी इसी मशीन ने इसे सहारा देकर उसे इस 25 डिग्री के कोण पर रोककर थोड़ा सीधा किया। बिजली के तार तब तक आपस में उलझकर तमाम सारी चिंगारियां फेंकते हुए यह बता रहे थे कि शायद कुछ गलत हो गया है। थोड़ी देर बाद मशीन का घरघराना बंद और मशीन के आगे का डेना खंबे को उसी जगह पर लिए चुप।
अब यहां से बिजली की परेशानी को लेकर न केवल ओम कॉलोनी बल्कि इस लाइन से आ रही बिजली के तारों पर आश्रित सैकड़ो परिवारों को यह सोचना था कि उनके घरों पर आसान्न अंधेरा अब जाने कब छटे। आपस में बातें होने लगी कि कम से कम अगले दिन सोमवार तक के लिए तो शायद इस परेशानी से निजात मिलने से रही। समस्या केवल बिजली को लेकर नहीं थी बल्कि बिजली के खंबे और बिजली पर आश्रित पानी, केबल तारों के साथ वाई-फाई तारों भी थी। यानी बिजली गई तो पानी के साथ और तमाम समस्याएं भी सामने। ऐसा कोई तंत्र या नंबर भी नहीं था जिस पर यह बताया जा सके कि इस समस्या से कब निजात मिलेगी क्योंकि सवाल सरकारी तंत्र के हिसाब से इस परेशानी से निजात पाने का था। इसके बाद बिजली चली गई और लोगों को लगा कि अब एक लंबा इंतजार शुरू होने को है।
इस तंत्र को लेकर अब तक जो ढुल मुल रवैये की बातें सामने आई थी वह गलतफहमी अब दूर होने वाली थी। बिजली गुल होने के ठीक 10 से 15 मिनट बाद यहां पर स्थानीय सहायक अभियंता बिजली पंकज पंत मय टीम के साथ खड़े नजर आए। और उनके पीछे-पीछे ट्रैक्टर ट्राली में लदा हुआ आया बिजली का नया पोल। देखते ही देखते पुराने खंबे के बगल में ही नया खदान शुरू हुआ और घंटे भर के भीतर नया पोल पुराने पोल के बगल में खड़ा था। अब बारी बिजली के लाइनों को शिफ्ट करने की थी और देखते ही देखते यह काम भी निपटा लिया गया। और थोड़ी ही देर में ओम कॉलोनी समेत इस पल पर आश्रित सभी घरों में बिजली के बल्ब खिल उठे। पोल टूटने की घटना के करीब-करीब 2 घंटे के भीतर ही यह सब हो गया और वह अपने आप में एक सराहनीय कार्य तो था ही, एक उदाहरण यह भी कि अगर ढंग से काम किया जाए तो बिजली के पुराने पोल को तमाम लाइनों के साथ 2 घंटे के भीतर ही नए पोल में बदला जा सकता है। यहां ना किसी की नेतागिरी थी और ना ही कोई अप्रोच और विभाग ने यह काम तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए जिस ढंग से पूरा किया उसके लिए मोहल्ले के लोगों ने सहायक अभियंता पंकज पंत समेत बिजली विभाग का आभार भी जताया।
फोटो में जेई पंकज पंत। ऊपर नए पुराने खम्भे का फोटो भी साथ में।