देहरादून
उत्तराखंड के जंगलों में कौन बना रहा है मजार? खुफिया विभाग ने बनाया सख्त एक्शन प्लान
देहरादून: उत्तराखंड में धर्म स्थल बनाकर सरकारी जमीन कब्जाने वालों के खिलाफ सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। सरकारी विभागों की जमीनों और जंगलात में अवैध कब्जों को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह विभाग के अधिकारियों व अन्य जिम्मेदार विभागों की बैठक ली थी।
अब इसकी निगरानी के लिए प्रदेश स्तर पर एडीजी डॉ. वी मुरुगेशन को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इतना ही नहीं खुफिया विभाग को भी जिम्मेदारी दी गई है। खुफिया विभाग ऐसे मामलों को चिन्हित करेगा। इसके बाद टास्क फोर्स योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करेगी।
इंटेलीजेंस की टीम शहर और जंगलात में हो रहे अतिक्रमण की रिपोर्ट तैयार करेगी। रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई भी की जाएगी। टास्क फोर्स के नोडल अफसर व अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था डॉ. वी मुरुगेशन ने आदेश जारी होते ही सभी जिलों को ब्योरा उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा है। शासन को हर दिन इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी।
एडीजी डॉ. वी मुरुगेशन ने बताया कि इस संबंध में सभी डीएम और पुलिस कप्तानों को लेटर भेजा गया है। जिसमें उनसे अब तक हुई कार्रवाई के बारे में बताने को कहा गया है। बता दें कि धर्म स्थल के नाम पर होने वाले कब्जों को हटाने के लिए हर जिले में पहले से ही टास्क फोर्स बनी हुई हैं। इसकी जिम्मेदारी जिले के एसपी व जिलाधिकारी को सौंपी गई है।
यह टास्क फोर्स लगातार कार्रवाई भी कर रही है, लेकिन कब्जों और अतिक्रमण को लेकर सही-सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। यही वजह है कि कब्जों की सटीक जानकारी देने के लिए अब इंटेलीजेंस को भी लगाया गया है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो धार्मिक स्थलों की आड़ में राज्य में 11 हजार हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि अतिक्रमण की चपेट में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी साफ कह चुके हैं कि उत्तराखंड में मजार जेहाद नहीं चलने दिया जाएगा।