राजनीति
जहां सुमित तहां टिकट निदाना..
मनोज लोहनी
हल्द्वानी। कांग्रेस से अभी टिकटों के बंटवारे का ऐलान नहीं हुआ है। भाजपा में प्रत्याशी तो घोषित हो चुके हैं, मगर वीवीआईपी सीट में शुमार हल्द्वानी यहां अभी छूटी हुई है। आखिर क्या वजह है कि हल्द्वानी में भाजपा ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। क्या वह कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के इंतजार में है, या फिर यहां कुछ विस्फोटक घटित होने वाला है? कैसा विस्फोटक? यह सवाल उतना ही बड़ा है जितना संशय यहां भाजपा-कांग्रेस के टिकट को लेकर बना हुआ है। इन सब बातों के बीच सुमित हृदयेश का नाम तो है ही। एक कार्यकर्ता बातचीत में बोला, टिकट तो सुमित को मिलना ही है…। किस पार्टी से? उसे टोका, बगल में दूसरे कार्यकर्ता ने। कैसी बातें कर रहे हो..। किस पार्टी से, से क्या मतलब? सुमित भैया को कांग्रेस का टिकट पक्का है..। ठीक है, मगर टिकट अब डिक्लेयर हो ही जाना चाहिए..। हो जाएगा..। एक तरफ बातचीत चल रही है, भाजपा ने हल्द्वानी सीट पर टिकट क्यों रोका होगा? यहां भाजपा के लिए जोगेंद्र भाई (मेयर डॉ. जोगेंद्र सिंह रौतेला) का टिकट तो पक्का है…। हां है तो, मगर रोका क्यों? बातचीत घूमी, छोड़ो कोई बात नहीं..। लालकुआं, जागेश्वर का भी तो रोका है…। रोका तो है, मगर हल्द्वानी की बात कुछ और है। सुमित भैया को टिकट मिलेगा न? क्यों नहीं मिलेगा भाई…। यार बात भाजपा की हो रही है तो तुम घूम फिरकर मुद्दा क्यों भटका रहे हो? कांग्रेस में हल्द्वानी से और कौन हैं दावेदार..। दीपक भाई भी हैं (दीपक बल्यूटिया)…। हां, हैं तो सही, मगर बात यहां मैडम (डॉ. इंदिरा हृदयेश) की भी तो है। विधानसभा चुनाव की राजनीति में यह शहर के गप्पबाजी के अड्डों में राजनीतिक गप्पें हैं, जिनमें कहीं न कहीं सच्चाई भी होती है, यह ठीक ओपीनियन पोल जैसा ही है। टिकट बंटवारे को लेकर लोगों की तमाम तरह की राय है, मगर सुमति हृदयेश का टिकट पक्का है, यह राय भी लोगों के बीच बनी हुई है। बाकी आप खुद समझदार हैं।

