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हल्द्वानी: राज बेपर्दा हुआ तो टिकट लिए आए नजर गजराज…एक सच टिकट मिलने वाले उस कमरे के राज का
मनोज लोहनी, हल्द्वानी। ठीक ऐसी ही ठंड थी 2022 में और उसे वक्त उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की सर गर्मी जोरों पर थी। नैनीताल जिले की कालाढूंगी सीट से विधायक की दावेदारी करने के लिए गजराज सिंह बिष्ट ने पूरा जोर लगा रखा था। उन्हें टिकट नहीं मिला और ऐसी ही भारी ठंड के बीज गजराज सिंह बिष्ट ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। भारी संख्या में उनके समर्थक पहुंचे और कहा गया कि वह विधायकी का चुनाव लड़ें। समर्थकों के बीच गहमाग़हमी के बाद गजराज सिंह बिष्ट अपने आवास पहुंचे। फिर उस परिदृश्य में प्रवेश हुआ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का। और जैसा की अनुमान लगाया जा रहा था, त्रिवेंद्र सिंह रावत से वार्ता के बाद गजराज सिंह बिष्ट ने चुनाव लड़ने का अपना फैसला वापस ले लिया। अपने घर के उस कमरे में गजराज सिंह खाली हाथ थे और ऐसा इससे पहले विधानसभा चुनाव में भी उनके साथ हो चुका था। और रविवार की रात जब भारी संख्या में समर्थक उनके आवाज पर पहुंचे तो उसी कमरे से गजराज सिंह बिष्ट बाहर निकले मगर खाली हाथ नहीं बल्कि… हल्द्वानी महापौर में चुनाव के लिए उनके पास पार्टी का टिकट था। बस फर्क इतना था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत यहां मौजूद तो थे पर परदे के पीछे कहीं और। यह बात तो स्पष्ट है की राजनीति में आका का होना जरूरी है क्योंकि आका के बगैर नैया पार नहीं लगती है और गजराज सिंह बिष्ट जब मेयर का टिकट लेकर आए तो यह बात स्पष्ट हो जाती है कि उनके राजनीतिक आका ने ही उनकी नैया पार लगवाई है, क्योंकि उनका कहा मान गजराज ने अब तक पार्टी में एक अनुशासित सिपाही का ओहदा भी पा लिया था। ऐसा सिपाही जो अपनी बात रखने के लिए पार्टी से बगावत की बात तो कर सकता था मगर महज यह दिखाने के लिए कि दावेदारी हर कार्यकर्ता का अधिकार है। मगर अंत में जब बात किसी एक व्यक्ति के चुनाव की हुई तब फिर वह पार्टी का ही बना रहा। गजराज सिंह बिष्ट को शायद इसी बात का इनाम भी हल्द्वानी जैसे बड़े नगर निगम के महापौर में भाजपा प्रत्याशी के रूप में मिला है।
भारतीय जनता पार्टी ने नगर निगम हल्द्वानी से मेयर पद पर दावेदारी कर रहे गजराज सिंह बिष्ट को प्रत्याशी घोषित कर 2022 में किया वायदा निभाया है। बताया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत अंतिम समय तक गजराज सिंह बिष्ट के नाम पर अड़े रहे। भाजपा ने 29 दिसंबर की रात तक पत्ते नहीं खोले।
इस चुनाव में भाजपा ने नगर निगम के मेयर प्रत्याशी घोषित करने में युवाओं को महत्व दिया। हल्द्वानी, देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, रुद्रपुर कोटद्वार में भी युवाओं पर भरोसा जताया। निकाय चुनाव की घोषणा से पूर्व निकायों की अनंतिम आरक्षण सूची में नगर निगम हल्द्वानी की मेयर सीट को ओबीसी घोषित कर दिया गया था। शुरू में निकाय चुनाव पर कुछ भी कहने से बच रहे गजराज ने अचानक ओबीसी घोषित हुई सीट से मेयर पद पर दावेदारी कर सबको चौंका दिया था। उनके मेयर पद पर दावेदारी करते ही भाजपा ही नहीं कांग्रेस में भी उनके कद का कोई ओबीसी लीडर नहीं दिख रहा था। यह माना जा रहा था कि गजराज के टिकट को कोई नहीं रोक पाएगा। बाद में शासन ने हल्द्वानी मेयर की सीट को अनारक्षित यानी सामान्य वर्ग के लिए कर दिया। इसके बाद मेयर सीट के लिए पार्टी के निवर्तमान मेयर डॉ. जोगिंदर सिंह रौतेला, प्रमोद तोलिया, कौस्तुभानंद जोशी, महेंद्र अधिकारी, रेनू अधिकारी, बेला तोलिया समेत कई मजे हुए दिग्गज नेताओं ने अपनी देवदारी पेश कर दी।
यह माना जा रहा था कि ओबीसी सीट से दावेदारी जता चुके गजराज सीट के सामान्य होने पर अपनी दावेदारी वापस ले लेंगे। लेकिन लोगों के अनुमान को गलत साबित करते हुए गजराज ने अपनी दावेदारी को न केवल मजबूती से पेश किया बल्कि टिकट पाने के लिए देहरादून में डेरा डाल दिया। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पार्टी के लिए 35 साल के समर्पण का हवाला दिया।
इधर कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी घोषित होने के बाद यह माना जा रहा था कि भाजपा हल्द्वानी पर दो बार से मेयर रहे मधुर स्वभाव के डॉ. जोगिंदर रौतेला को टिकट देगी। लेकिन अंतिम समय में गजराज की काबिलियत को स्वीकारते हुए पार्टी ने रविवार रात 9 बजे उनके नाम पर मोहर लगा दी।
गजराज बिष्ट का राजनीतिक सफर लंबा है। वह 1989 में भाज युवा मोर्चा के ब्लॉक उपाध्यक्ष रहे। 1992 में जिला संयोजक एबीवीपी बनाए गए। 1996 महासचिव छात्रसंघ एमबीपीजी हल्द्वानी रहे। 1997 में उन्हें बजरंग दल जिला संयोजक बनाया गया। 1998 बजरंग दल कुमाऊं संयोजक बने। 1998-99 प्रदेश महामंत्री किसान मोर्चा, यूपी का दायित्व संभाला। 2000 में प्रदेश महामंत्री भाजयुमो बनाए गए। 2002 प्रदेश उपाध्यक्ष युवा मोर्चा बनाए गए। 2004 जिला महामंत्री भाजपा, 2008 में प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा, 2012 प्रदेश प्रवक्ता भाजपा, 2014 – प्रदेश सदस्यता प्रमुख, 2016 प्रदेश महामंत्री भाजपा, 2018-20 – अध्यक्ष मंडी परिषद (राज्यमंत्री) व 2020 से प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, भाजपा बनाए गए।