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हल्द्वानी: दम्पति महाकुम्भ गए तो चोरों ने तसल्ली से खंगाला घर, पांच लाख का जेवर, नगदी में हाथ साफ
हल्द्वानी। रामपुर रोड स्थित जीतपुर नेगी इलाके की श्री बालाजी धाम सोसाइटी कॉलोनी के बुजुर्ग दंपती के मकान को चोरों ने खंगाल डाला। वे सवा दो लाख रुपये नकद और करीब ढाई लाख के जेवर बटोर ले गए। पति-पत्नी मौनी अमावस्या के मौके पर पड़ोसियों के साथ 27 जनवरी को महाकुंभ गए थे। शुक्रवार दोपहर लौटे तो घटना का पता चला। पुलिस सीसीटीवी के जरिये सुराग लगाने में जुटी है।
चोरों के निशाना बने मकान में चंदन सिंह गुसाईं पत्नी बसंती देवी के साथ रहते हैं। घर में ही उन्होंने परचून की दुकान भी खोल रखी है। प्रयागराज जाने के लिए आसपास के लोगों ने बस बुक कराई थी, उन्हीं के साथ दंपती भी चले गए थे। वहां से वे शुक्रवार दोपहर दो बजे लौटकर घर पहुंचे। उन्होंने मुख्य गेट खोला तो अंदर चैनल खुला मिला। फिर कमरे में पहुंचे तो एक बक्सा का सामान बिखरा पाया। बेड पर सफेद लिफाफे फैले हुए थे, उनमें रखे रुपये गायब थे। वहीं पर टूटी गुल्लक भी पड़ी थी। पीली रंग की एक पाजेब भी पड़ी थी, जिसे चोर सोने की नहीं समझने के बाद छोड़ गए। दूसरे कमरे में डबल बेड का बॉक्स भी खुला हुआ था। आलमारी का लॉकर किसी भारी चीज से खोला गया था।
गृह स्वामी चंदन सिंह ने वार्ड के पूर्व सभासद राजेंद्र सिंह नेगी को जानकारी दी। इसके बाद पहुंची टीपीनगर चौकी पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी खंगाले, लेकिन कुछ खास पता नहीं चल सका। चंदन सिंह ने बताया कि ढाई सौ लिफाफों में दो से सवा दो लाख रुपये के नोट रखे थे। ये लिफाफे बेटे की शादी के लिए तैयार किए थे। पत्नी बसंती देवी ने बताया कि करीब दो लाख रुपये के जेवर चोरी हुए हैं। इनमें तीन अंगूठी, मंगलसूत्र, चेन, 15 जोड़ी धागुले व अन्य जेवर शामिल हैं। गुल्लक से भी चोर 10-15 हजार रुपये ले गए।
कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि जांच कर चोरों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
गमले में दबी चाबी और लिफाफाें में रकम, सब पता था उसे
चंदन सिंह घर लौटे तो अंदर का नजारा देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। पूरी कमाई पलभर में नदारद देखकर पत्नी बसंती देवी की आंखों में आंसू आ गए। पुलिस भी मान रही है कि घटना का सूत्रधार कोई करीबी हो सकता है। महाकुंभ की भीड़ में चाबी गुम होने के डर से चंदन सिंह घर से निकलते वक्त उसे घर के मुख्य गेट के पास गमले की मिट्टी में दबा गए थे। लौटने पर चैनल खुला देखा तो उसके बाद उनकी निगाह सबसे पहले खुदी पड़ी मिट्टी पर गई। देखते ही समझ गए कि चोरी हो गई। चाबी के बारे में किसी करीबी को ही पता हो सकता है।
अंदर का नजारा भी चोर के लिए जाना पहचाना ही होगा, तभी रुपये-जेवर वाली जगहों पर ही हाथ डाला। निशाना बने पहले कमरे में जेवर की पोटली रखी थी, जो श्रीकृष्ण भगवान की मूर्ति के पीछे छिपा रखी थी। चोर ने पोटली भी आसानी से पा ली। अलमारी और बक्से में कपड़ों के नीचे रखे नोटों से भरे लिफाफे भी हाथ लग गए। किसी लिफाफे में 50 तो किसी में सौ और कई में तो 500 रुपये के नोट थे। नोट निकालकर लिफाफे बेड पर ही छोड़ दिए, यानी सब कुछ तसल्ली से किया।