उत्तराखण्ड
ये क्या कर बैठे: जिला समाज कल्याण और बैंक अधिकारी अब भुगतेंगे करनी का फल, अंजाम पता नहीं अब क्या हो
रुद्रपुर: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी 21 केसों में नामजद चार जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ ही तीन बैंक अधिकारियों पर चार्जशीट की तैयारी कर रही है। इसके लिए शासन से अभियोजन चलाने की अनुमति मांगने के लिए पत्राचार किया गया है। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक अनुमति मिलने के बाद विवेचना पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी।
दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी यूएस नगर के सरकारी, अर्द्धसरकारी और निजी 133 शैक्षिक संस्थानों की जांच पूरी कर चुकी है। जबकि 70 की जांच चल रही है। इससे पहले एसआइटी ने बाहरी राज्यों के शैक्षिक संस्थानों की जांच की थी।
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इसमें 14 करोड़ रुपये की अनियमितता मिलने पर एसआइटी ने जसपुर, काशीपुर, कुंडा, आइटीआइ, बाजपुर और खटीमा में 60 केस दर्ज किए थे। साथ ही 24 से अधिक जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों के साथ ही शिक्षक और बिचौलिए गिरफ्तार किए थे। विवेचना के बाद एसआइटी अब तक 37 केसों में नामजद आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। जबकि दो केस में एफआर लग चुकी है। वहीं 21 केसों की विवेचना अलग अलग स्तर पर पेंडिंग पड़ी है।
इसमें अधिकांश केस में जिला समाज कल्याण विभाग के चार अधिकारी और कर्मचारियों के साथ ही तीन बैंक अधिकारी भी शामिल है। ऐसे में लंबित इन विवेचना को जल्द पूरा कर एसआइटी चार्जशीट की तैयारी कर रही है। लेकिन इससे पहले नामजद राजपत्रित और अराजपत्रित कर्मियों पर अभियोजन के लिए शासन से अनुमति मांगी है।
एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि 21 केसों में चार्जशीट लगाने के लिए अभियोजन की अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलते ही जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ ही बैंक अधिकारी और बिचौलियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी।

